सावन महीने की शुरुआत के साथ पूरा वातावरण शिवमय नजर आने लगा है. पहली सोमवारी होने के कारण शिवभक्तों में उत्साह है. सभी अपने आराध्य के पूजन-अर्चन के लिए शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. पहली सोमवारी के अवसर पर शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है तो कई स्थानों पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है.
कैसे करें सोमवार का व्रत ? : सावन महीने में पड़नेवाले सोमवार का बड़ा ही महत्व है. सावन के सोमवार को व्रत रखने और मां पार्वती के साथ भोलेनाथ की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. सोमवार का व्रत भी प्रदोष व्रत की तरह करना चाहिए. दिन भर निराहार रहकर भगवान भोलेनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन करना चाहिए और सायंकाल में भी पूजन के साथ-साथ शिवमंत्रों का जप करना चाहिए.
भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र- धतूर-भांग चढ़ाएं: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूर सर्वाधिक प्रिय हैं. इसलिए शिव पूजन में भगवान की इन प्रिय सामग्रियों को उन्हें जरूर अर्पण करना चाहिए. इसके अलावा अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-मिठाई भी भगवान भोलेनाथ को अवश्य ही अर्पण करें.
रुद्राभिषेक का विशेष महत्वः सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है. अन्य महीने में जहां रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखने की आवश्यकता होती है, लेकिन सावन के महीने में शिववास देखने की आवश्यकता नहीं होती है और सावन में प्रत्येक दिन रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है. उसमें भी सावन के सोमवार के दिन रुद्राभिषेक से अभीष्ट सिद्धि होती है.
सोमवार के व्रत से मिलता है मनोवांछित वरः सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है.इस दिन मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा से स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. इसके अलावा संतान दीर्घायु होती है और भगवान भोलेनाथ कष्टों से उसकी रक्षा करते हैं.
इस वर्ष पड़ रहे हैं 5 सोमवारः शिवभक्तों के लिए इस वर्ष का सावन महीना विशेष है क्योंकि इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं. 22 जुलाई को सोमवार से सावन शुरू ही हो रहा है जबकि दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 5 अगस्त, चौथा सोमवार 12 अगस्त और पांचवां सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है. 19 अगस्त सोमवार को सावन महीने का समापन भी हो रहा है .