पिछले 24 घंटे में पांच अमरनाथ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई जिसके बाद इस वर्ष की यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। उन्होंने बताया कि तीन तीर्थयात्रियों की मौत यात्रा के पहलगाम मार्ग पर और दो की मौत बालटाल मार्ग पर हुई। इनमें दो उत्तर प्रदेश और दो मध्य प्रदेश के रहने वाले, जबकि एक की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
अधिकारियों के अनुसार, इस साल की यात्रा के दौरान मरने वाले 19 लोगों में यात्री ड्यटी में तैनात रहे भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का एक अधिकारी और एक सेवादार भी शामिल हैं। चूंकि, अमरनाथ यात्रा काफी ऊंचाई पर है। ऐसे में कम ऑक्सीजन सांद्रता के कारण हृदय गति रुकना तीर्थयात्रियों और वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों की मौत की सामान्य वजहों में से एक है। प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग की झलक पाने के लिए मंगलवार तक 1,37,353 तीर्थयात्री गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
जम्मू से तीर्थयात्रियों का 10वां जत्था रवाना
अमरनाथ के लिए 7,800 से अधिक तीर्थयात्रियों का 10वां जत्था बुधवार को यहां आधार शिविर से रवाना हुआ। रामबन में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के एक हिस्से के बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण जम्मू आधार शिविर से तीन दिन तक यात्रा निलंबित रहने के बाद मंगलवार दोपहर फिर शुरू हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि एक जुलाई से अब तक कुल 1,37,353 तीर्थयात्री अमरनाथ मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। हिमालयी क्षेत्र में स्थित 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा एक जुलाई को शुरू हुई, जो 31 अगस्त तक चलेगी।
उन्होंने बताया कि बुधवार तड़के सवा तीन बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 339 वाहनों के काफिले में 7,805 तीर्थयात्री यहां भगवती नगर आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हुए। उन्होंने बताया कि 4,677 तीर्थयात्री 207 वाहनों से पहलगाम के लिए जबकि 3,128 तीर्थयात्रियों को लेकर 132 वाहनों का काफिला बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि 30 जून से अब तक जम्मू आधार शिविर से 56,303 तीर्थयात्री घाटी के लिए रवाना हो चुके हैं। असम की सुनीता देवी ने कहा, ‘‘ हमें खुशी है कि हमारी प्रार्थनाएं भगवान शिव ने सुनीं, और अपने दर पर हमें बुलाया।’’ सुनीता जम्मू में पिछले सात दिनों से फंसे 23 लोगों के एक समूह का हिस्सा थीं। शनिवार और रविवार को हुई लगातार बारिश से राजमार्ग को बेहद नुकसान पहुंचा था। खासकर रामबन जिले में पड़ने वाला हिस्सा बेहद बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।