बिहार में फिर बाढ़ का खतरा, पटना में खतरे के निशान के उपर गंगा
पटना: नेपाल और बिहार से सटे पड़ोसी राज्यों में बीते दिन लगातार बारिश के कारण गंगा, सोन, पुनपुन, दरधा घाघरा और कमला बलान समेत कई नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. पटना जिले के गंगा घाटों पर जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. एनआइटी (गांधी) घाट पर गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी है. इसके अलावा गुलबी घाट के शवदाह गृह का एप्रोच डूब गया. कुर्जी स्थित बिंद टोली के रास्तों पर भी गंगा का पानी भरने से कई जगहों पर आने-जाने में परेशानी होने लगी है.
गंगा-सोन बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पटना के गांधी घाट के अलावा दीघा, हथिदह और मनेर में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. राजधानी के घाटों पर गंगा का जल स्तर बढ़ने से काली घाट पर बनी बैठने वाली जगह डूब गयी. कृष्णा घाट पर गंगा रीवर फ्रंट का पाथ-वे डूब गये. इसके अलावा एनआइटी घाट पक्के घाट की सीढ़ी डूब गयी. दीघा में अटल पथ-गंगा पाथवे के गोलंबर के सामने 22 फूट से अधिक करीब गंगा आ गयी है.
गंगा नदी के जल स्तर में फिर से वृद्धि होने लगी है. स्थिति यह है कि भद्र घाट से महावीर घाट की तरफ जाने वाले मार्ग पर गंगा का पानी फिर सड़क पर आ गया है. गायघाट घाट, भद्र घाट, नौजर घाट और खाजेकलां घाट होते हुए कंगन घाट तक वाहनों की आवाजाही पानी के बीच हो रही है. महावीर गंगा घाट जाने वाले मार्ग पर पानी मंदिर को फिर से स्पर्श कर गया.
पटना के अलावा बक्सर, भागलपुर समेत कई इलााकों के नदियों के जलस्तर बढ़ने से कटाव भी तेज हो गया है. गया के तीन गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. इतना ही नहीं भागलपुर और आरा में भवन नदी में समा गए. जल संसाधन विभाग के अनुसार, पहाड़ों पर बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है.
पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है. महावीर घाट के निकट पाथ वे पर गंगा का पानी आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, गायघाट से लेकर कंगन घाट तक राहगीर परेशान हैं. इतना ही नहीं फतुहा के पास पुनपुन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. दरधा नदी कोल्हाचक के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
इंद्रपुरी बराज से सोन नदी में आज तीन लाख सात हजार 886 क्यूसेक पानी का प्रवाह दर्ज किया गया, जिसमें से बराज का पौंड लेवल मेंटेन करने के बाद 69 में 45 गेट खोल कर तीन लाख क्यूसेक पानी सोन में बहाया जा रहा है. अनुमंडल प्रशासन ने एहतियात के तहत तटवर्ती इलाके के लोगो को सोन नदी में जाने से मना कर दिया है. बाणसागर से आज 17126 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, रिहंद जलाशय से 5883 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इंद्रपुरी बराज से बारिश के कारण नहरों में पानी की मात्रा कम की गई है. आज पश्चिमी संयोजक नहर में 7317 तथा पूर्वी संयोजक नहर में 4064 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.