पूर्णिया में बाढ़ का खतरा, 16 गांवों का जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
बिहार में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, पूर्णिया के अमौर और बैसा जैसे प्रखंडों में कनकई, महानंदा, दास, बकरा और परमान जैसी नदियों के उफान पर होने से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. इसके साथ ही बाढ़ के पानी के तेज बहाव में बैसा और अमौर की 5 सड़कें कटकर बह गई हैं, जिसमें वैसा प्रखंड की 3 और अमौर प्रखंड की 2 सड़कें शामिल हैं. इससे 16 से अधिक गांवों की करीब 30 हजार आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है।
बता दें कि जो सड़कें बाढ़ के पानी में बह गई हैं उनमें फुलेश्वरी से हरना, रायबर से प्रसादपुर, बरडीहा से खाता टोली, झौंवाटोली से चटांगी, भसना चौक से पिपरा गांव तक की ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।
साथ ही बैसा के प्रखंड प्रमुख मोहम्मद शमीम अख्तर ने बताया कि इससे पहले 2021 में बाढ़ में यह सड़क कट गई थी, मरम्मत को लेकर ग्रामीण कई बार विभाग को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. साथ ही इस बार फिर यह सड़क करीब 100 मीटर तक कट गयी है, जिससे आवागमन बाधित है. इस गांव में कनकई नदी का पानी गांव के सैकड़ों घरों में घुस गया. हर तरफ जलप्रलय की स्थिति दिख रही है. इसके साथ ही सड़कों पर पानी की तेज धारा बह रही है।
आपको बता दें कि कुछ ऐसी ही स्थिति बायसी प्रखंड में भी बनी हुई है. सुगवा महानंदपुर पंचायत के झौंवाटोली से चटांगी गांव तक जाने वाली मुख्य सड़क टूट गयी है. इस सड़क से रोजाना हजारों लोग आते-जाते हैं. आसजा गांव के जनता हाट के पास भी सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है. परमान नदी में खतरे के निशान से ऊपर पानी बहने के कारण भसना चौक से लेकर धुरपैली पंचायत के पिपरा गांव तक जाने वाली मुख्य सड़क के पुल पर करीब तीन फीट पानी बहने से पुल का एप्रोच कट रहा है. साथ ही पुल के ऊपर से पानी बहने से 3 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
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