नेपाल के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से करीब 170 लोगों की मौत हो चुकी है।
द हिमालयन टाइम्स के मुताबिक गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने विभिन्न जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से मची तबाही की जानकारी साझा की।
मंत्रालय ने रविवार को यह पुष्टि की कि इन आपदाओं में 111 लोग घायल हुए हैं, जबकि लगभग 4,000 लोगों को बचाया गया है।
द हिमालयन टाइम्स ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के साथ बचाव और राहत कार्यों समेत तलाशी अभियान में तेजी लाई गई है।
नेपाली सेना के हेलीकॉप्टरों ने कावरे, सिंधुली और ललितपुर जिलों के कुछ हिस्सों में घायल या फंसे हुए 162 लोगों को एयरलिफ्ट किया है।
आपदा से बचे लोगों तक खाद्य आपूर्ति सहित राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। साथ ही घायलों का सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार किया जा रहा है।
तिवारी ने कहा, “सरकार सभी संबंधित एजेंसियों के बीच पूर्ण समन्वय है। बचाव और राहत प्रयासों को प्राथमिकता दी जा रही है। ब्लॉक सड़कों को साफ करने के साथ ही पुनर्निर्माण कार्य भी चल रहा है।”
मंत्रालय ने कहा कि प्रांतीय सरकारें, जिला आपदा प्रबंधन समितियां, तथा स्थानीय आपदा प्रबंधन इकाइयां भी मिल कर काम कर रही हैं।
लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में नेपाल के जलविद्युत संयंत्र और सिंचाई सुविधाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, एक अनुमान के मुताबिक इससे 4.35 बिलियन नेपाली रुपये (32.6 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है।
रविवार को एक प्रेस मीटिंग में नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार (27 सितंबर) और शनिवार (28 सितंबर) को लगातार बारिश के कारण आई आपदा से हाइड्रोपावर और ट्रांसमिशन परियोजनाओं को लगभग 3 बिलियन रुपये ($22.5 मिलियन) का नुकसान पहुंचा है, जबकि नदी नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं को लगभग 1.35 बिलियन रुपये ($10.1 मिलियन) का नुकसान हुआ है।
अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ के कारण 625.96 मेगावाट की संयुक्त उत्पादन क्षमता वाले 11 चालू जलविद्युत संयंत्रों को नुकसान पहुंचा है और अन्य चालू संयंत्रों को बंद करना पड़ा है।
बताया जा रहा है कि इस वजह से 1,100 मेगावाट की उत्पादन क्षमता रुक गई है, जो देश के चालू बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता का लगभग एक तिहाई है। निर्माणाधीन पंद्रह जलविद्युत संयंत्र भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
हाइड्रोपावर और ट्रांसमिशन लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ी है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक कुल मान घीसिंग ने कहा, “आगामी सर्दियों में देश के लिए पर्याप्त बिजली का प्रबंध करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि क्षतिग्रस्त बिजली संयंत्रों के रखरखाव और मरम्मत में समय लगता है।”