इंदौर (मध्यप्रदेश)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की मर्जी एवं तौर-तरीके के मुताबिक रहने को मजबूर करना क्रूरता है। हाईकोर्ट ने 33 वर्षीय एक महिला की तलाक की अर्जी को मंजूर दे दी।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और महिला की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली। पीठ ने 13 नवंबर को सुनाए फैसले में कहा कि पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को नौकरी नहीं करने या जीवनसाथी की पसंद के अनुसार कोई नौकरी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। मजबूर करना क्रूरता की श्रेणी में आता है। इससे पहले महिला की अर्जी परिवार अदालत ने खारिज कर दी थी।