विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद से भारत के लिए रवाना, कहा- पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद

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विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान के इस्लामाबाद से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। उन्होंने एक्स पर आतिथ्य और शिष्टाचार के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार और पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद दिया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक में हिस्सा लिया। आज SCO शिखर सम्मेलन में एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि संगठन के चार्टर में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को स्पष्ट रूप से चुनौती माना गया है। ऐसे में सीमा पार से इस तरह की गतिविधियां होती रहेंगी तो सहयोग विशेषकर क्षेत्रीय सहयोग संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभुता पर आधारित होना चाहिए। दरअसल उनका इशारा पाकिस्तान और चीन की तरफ था। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एससीओ शिखर सम्मेलन के मंच से चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के विस्तार का आह्वान किया।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोशल मीडिया हैंडल एक पोस्ट में लिखा, “इस्लामाबाद से रवाना हो रहा हूँ। आतिथ्य और शिष्टाचार के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार और पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद।”

सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद के जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशकंर ने 23वें संघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक के दौरान भारत के योगदान पर प्रकाश डालते हुए 8 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। शिखर सम्मेलन के समापन दिवस पर किए गए विचार-विमर्श के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एस जयशंकर ने “सकारात्मक और रचनात्मक योगदान” पर भारतीय परिप्रेक्ष्य से आठ प्रमुख बातें भी साझा की हैं।

बैठक के दौरान, विदेश मंत्री ने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के विषय पर केंद्रित एक संवाद विकसित किया, साथ ही एससीओ स्टार्टअप फोरम, स्टार्टअप और इनोवेशन पर विशेष कार्य समूह और पारंपरिक चिकित्सा जैसी भारत की पहलों के परिणामों के बारे में बताया, जिसे सदस्य राज्यों से समर्थन प्राप्त हुआ।

उन्होंने एससीओ सहयोग ढांचे के एक पहलू के रूप में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) और डिजिटल समावेशन का उल्लेख किया। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री शहबाज ने पड़ोसी अफगानिस्तान में स्थिरता पर जोर दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी चर्चा की। शहबाज शरीफ ने इसे अस्तित्व का संकट कहा और पाकिस्तान में आई 2022 की बाढ़ का उल्लेख किया।

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