महाकुंभ 2025 में विदेशियों का डेरा; बोले- पानी ठंडा है लेकिन दिल गर्मजोशी से भरा, भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय
पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला स्नान शुरू हुआ. इस अवसर पर देशी के साथ विदेशी श्रद्धालुओं ने भी त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई. सुबह सूरज उदय होने से पहले से ही त्रिवेणी संगम पर देशी-विदेशी श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई थी. तड़के से ही स्नान पर्व का आरंभ हो गया था.
मोक्ष की तलाश में आया हूं: महाकुंभ 2025 के पहले स्नान में शामिल हुए ब्राजील के श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने बताया कि “मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज कर रहा हूं. भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है. पानी ठंडा है लेकिन हृदय गर्मजोशी से भरा है.”
जर्मनी से आए श्रद्धालु: जर्मनी से अपनी पत्नी सास्किया नॉफ और बच्चे के साथ जितेश प्रभाकर महाकुंभ 2025 के पहले दिन आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे. जितेश मूल रूप से मैसूर के रहने वाले हैं और अब जर्मनी में रह रहे हैं.
इंसान को अपने भीतर की यात्रा करने की कोशिश करनी चाहिए: जितेश ने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं यहां रहता हूं या विदेश में, बस जुड़ाव होना चाहिए. मैं हर दिन योग का अभ्यास करता हूं. व्यक्ति को जमीन से जुड़े रहना चाहिए और हमेशा अपने भीतर की यात्रा करने की कोशिश करनी चाहिए.” सास्किया नॉफ ने बताया, “मैं बहुत उत्साहित हूं. मुझे यहां आना हमेशा अच्छा लगता है.”
कुंभ में दिखता असली भारत: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में शामिल होने रूस से आईं एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “…’मेरा भारत महान’…भारत एक महान देश है. हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं. यहां हम असली भारत को देख सकते हैं. असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है. मुझे भारत से प्यार है.”
एप्पल के सह संस्थापक की पत्नी भी पहुंचीं कुंभनगरी: एप्पल के दिवंगत सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरीन पॉवेल जॉब्स भी महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए पहुंचीं. यहां पर उन्होंने निरंजनी अखाड़े में स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की मौजूदगी में व्यासानंद गिरि महाराज के पट्टाभिषेक को देखा और अनुष्ठान किया.
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