जेडीयू के अध्यक्ष पद से ललन सिंह के इस्तीफे के बाद इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। विरोधी दलों की तरफ से तरह तरह दावे किए जा रहे हैं। कोई दावा कर रहा है कि जेडीयू की नाव डूबने वाली है तो कोई जेडीयू की एनडीए में वापसी की बात कह रहा है। इसी बीच पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने जेडीयू में मचे घमासान को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। मांझी ने कहा है कि जेडीयू दो गुटों में बंट गई है। एक गुट तेजस्वी को सीएम बनाने के चक्कर में है तो दूसरा गुट एनडीए से तालमेल की बात करता है।
जीतन राम मांझी ने कहा है कि जेडीयू में दो गुट काम कर रहे हैं। ललन सिंह और विजेंद्र यादव तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने चाहते थे। विजय चौधरी, अशोक चौधरी और संजय झा NDA से तालमेल की बात करते हैं। ललन सिंह नीतीश कुमार से बदला लेने के लिए उनके साथ थे। आज की परिस्थिति नई नही है, इसकी पटकथा 2, 3 महीना पहले लिखी जा चुकी थी। जेडीयू में एक गुट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दवाब डाल रहे था कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना दिया जाए।
मांझी ने कहा कि ललन सिंह और विजेंदर यादव दोनों इस बात के समर्थक थे कि तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाया जाए। विजय चौधरी, अशोक चौधरी और संजय झा यह तीन नेता है जो कहीं ना कहीं एनडीए से तालमेल की बात करते रहे हैं। ललन सिंह ने इस्तीफा का लिफाफा पहले ही दे दिया था लेकिन पार्टी में विद्रोह ना हो इसलिए बैठक में यह सब बातें साफ हुई।
उन्होंने कहा कि आज जो परिदृश्य है इसमें ललन सिंह 12 और 11 विधायक की जमात लेकर कर गए थे। इतना जरूर कह सकते हैं अभी राजद का अपर हैंड है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष उनके हैं। ललन सिंह अगर दिखावा के लिए रहेंगे तो जदयू में रहेंगे, नही तो उनकी हालत भी RCP सिंह जैसी होगी। जैसे आरसीपी सिंह बाहर हुए थे वैसे ललन सिंह भी बाहर हो जाएंगे। जीतन राम मांझी ने कहा है कि जेडीयू में जो हाल आरसीपी सिंह का हुआ वहीं हाल ललन सिंह का भी होने वाला है।