पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह खुद इस बात को मान रहे हैं कि पहले और आज के जम्मू-कश्मीर में कितना बदलाव आया है। वीडियो में कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे बता रहे हैं कि जब मैं गृह मंत्री था तब मैं उनसे (शिक्षाविद् विजय धर) मिलने गया था।
उन्होंने कहा कि मैं उनसे सलाह मांगता था। उन्होंने मुझे सलाह दी कि आप इधर-उधर मत भटकिए, लाल चौक (श्रीनगर में) में जाकर भाषण दें, कुछ लोगों से मिलें और डल झील में घूमें। उस सलाह से मुझे बहुत पब्लिसिटी मिली और लोगों के बीच संदेश गया कि एक ऐसा गृह मंत्री है, जो बिना डर के जाता है, लेकिन मैं किसे बताऊं कि लाल चौक जाने पर मैं कितना डरा हुआ था?
पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के इस बयान को सुन हॉल में मौजूद सभी लोग जोर-जोर से ठहाके लगाते हैं। हालांकि, इसके बाद उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आपको हंसाने के लिए कहा था। सुशील कुमार शिंदे ने ये बातें राशिद किदवई की किताब के विमोचन के मौके पर कही।
पूर्व गृह मंत्री का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भाजपा ने सुशील कुमार शिंदे का वीडियो शेयर कर कांग्रेस को निशाने पर लिया।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुशील कुमार शिंदे का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”अपने संस्मरण के विमोचन के अवसर पर यूपीए काल के गृह मंत्री सुशील शिंदे ने स्वीकार किया कि उन दिनों कश्मीर घाटी में हालात इतने खराब थे कि वहां जाने में डर लगता था। तब से हालात काफी बदल गए हैं। हर साल दो-तीन करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आते हैं। ”
उन्होंने आगे बिना नाम लिए राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, ”यहां तक कि बालक बुद्धि और उनकी बहन भी बर्फ में ‘स्नो फाइट’ करते हुए देखे गए थे। हाल ही में तीसरी बार असफल हुए राहुल गांधी देर रात एक आइसक्रीम पार्लर में गए। इसके अलावा लाल चौक और डल झील भी गए। आर्टिकल-370 के हटने से कश्मीर में लोगों का जीवन बदल गया है। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ है, भ्रष्ट अब्दुल्ला और मुफ्तियों का प्रभाव कम हुआ है।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पोस्ट में लिखा, ”यूपीए काल के गृहमंत्री सुशील शिंदे ने माना कि वह जम्मू-कश्मीर जाने से डरते थे। आज राहुल गांधी आराम से कश्मीर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और स्नो फाइटिंग करते दिखे। लेकिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को आतंक के दिनों में वापस ले जाना चाहती हैं।”