बिहार सीएम नीतीश कुमार के सहयोगी रहे पूर्व विधायक सतीश कुमार रविवार को राजद में शामिल हो गए. पटना राजद कार्यालय में राज्यसभा सांसद मनोज झा व राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सतीश कुमार को पार्टी की सदस्यता दिलवाई. मनोज झा ने दावा किया कि कल 5वें चरण का चुनाव हो रहा है. चार चरण में इंडिया गठबंधन को एक जबरदस्त उभार मिला है।
“24 के 24 वचन के कारण लोगों का समर्थन इंडिया गठबंधन को मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलसूत्र की बात कर रहे हैं. उनकी भाषा और गरिमा लगातार गिरती जा रही है. आज भारत के संविधान को बचाने की जरूरत है. संविधान नहीं बचेगा तो ना आरक्षण बचेगा ना गरीबों का हक बचेगा. तानाशाही प्रवृत्ति वालों को यह संविधान पसंद नहीं है.” -मनोज झा, राज्यसभा सांसद
नीतीश कुमार पर निशानाः राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण की बात करते हैं. लव-कुश समीकरण बनाने में नीतीश कुमार का कोई योगदान नहीं है. तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति का केंद्र बन गए हैं. प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अरबपति और खरबपति आदमी आगे बढ़े. आज गरीबों की कमाई इन अरबपति व्यापारियों के जेब में जा रही है।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ नहीं रहे हैं बल्कि तेजस्वी यादव के दबाव में बिहार आ रहे हैं. मंगलसूत्र की बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को मजबूर होना पड़ रहा है. तेजस्वी यादव के नौकरी मॉडल ने प्रधानमंत्री मोदी को बिहार आने पर मजबूर कर दिया है. आजाद हिंदुस्तान में इतनी निम्न स्तर की बात करने वाला कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ.” – जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राजद
ललन सिंह पॉलिटिकल क्रिमिनल: मुंगेर से आरजेडी प्रत्याशी अनीता देवी ने जदयू प्रत्याशी ललन सिंह पर गंभीर आरोप लगायी है. उन्होंने कहा कि ललन सिंह पॉलिटिकल क्रिमिनल हैं. 13 मई को जो हादसा करवाया गया. मेरी गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया गया. सूर्यगढ़ा थाने में मामला दर्ज कराया गया है. सरकार से अपील है की दोषी पर करवाई हो।
कौन है सतीश कुमार? बता दें कि सतीश कुमार तीन बार विधायक रहे चुके हैं. लोजपा रामविलास के नेता भी थे लेकिन पार्टी में टिकट बंटवारे से नाराज होकर जमुई से इंडिया गठबंधन के लिए प्रचार प्रसार करने लगे. नीतीश कुमार को सीएम बनाने में सतीश कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी. सतीश कुमार 12 फरवरी 1994 को पटना में कुर्मी चेतना रैली की थी. यहीं से नीतीश कुमार को सीएम बनाने का राह आसान हुआ था।