सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 28 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में राजद नेता एवं पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया है। शीर्ष न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें प्रभुनाथ सिंह को निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने को सही ठहराया गया था। प्रभुनाथ सिंह को 1995 में विधानसभा चुनाव के दौरान 47 साल के दारोगा राय और 18 साल के राजेंद्र राय की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया है।
पूर्व सांसद को कितनी सजा दी जाए, इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय में 1 सितंबर को बहस होगी। जस्टिस अभय एस. ओका और विक्रमनाथ की पीठ ने बिहार के गृह सचिव और डीजीपी को प्रभुनाथ सिंह को तत्काल हिरासत में लेने और एक सितंबर को पेश करने का आदेश दिया है। पीठ ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है। प्रभुनाथ अभी तत्कालीन विधायक अशोक सिंह हत्या मामले में हजारीबाग जेल में बंद हैं।