भागलपुर. आपने दोस्तों के अलग-अलग किस्से सुने होंगे, लेकिन देवघर के रास्ते में दो ऐसे दोस्त मिले जिन्होंने अपनी दोस्ती अंतिम तक निभाने की कसमें खाई हैं. इस दोस्ती की खास बात यह है कि दोनों दोस्त पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन दोनों की दोस्ती की खातिर पैदल देवघर की यात्रा पर करने निकल पड़े हैं. यह कहानी है पटना के मसौढ़ी के रहने वाले राजू व महेश्वर की. यह भागलपुर के सुल्तानगंज के गंगा घाट से जल उठाते हैं।
यह दोनों अपने मन में बिना कुछ मन्नते मांगे भोले के प्रति प्यार, आस्था और भक्ति की भावना को लेकर देवघर की यात्रा को निकल पड़े हैं. दोनों विगत 10 वर्षों से सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा (Ganga Ghat Sultanganj) से जल लेकर बैधनाथ धाम को जाते हैं. रास्ते में लोग उन्हें दिव्यांग दोस्त बम के नाम से जानते हैं. साथ ही दोनों के जज्बे को भी सराहते हैं. दरअसल ये दोनों दोस्त बचपन से दिव्यांग हैं. दोनों पटना के मसौढ़ी के रहने वाले हैं. दिव्यांग राजू ने बताया कि मसौढ़ी में दुर्गा मंदिर में वर्षों पहले दोनों एक दूसरे से मिले थे. दोनों कीर्तन भजन करते थे, तभी दोस्ती की शुरुआत हुई और दोनों दस वर्षों से बगैर किसी महत्वाकांक्षा के बाबा बैधनाथ धाम जाते हैं. चार दिनों में पहुंचते हैं. बाबा बैद्यनाथ के दोनों अनन्य भक्त महादेव से कुछ नहीं मांगते हैं।
बाबा के दरबार जाने में मिलती है खुशी
वहीं, महेश्वर कुमार ने बताया कि बाबा दरबार जाने में कष्ट होता है, लेकिन उससे ज्यादा खुशियां भी मिलती हैं. दोनों को रास्ते में दोस्त बम के नाम से ही जानते हैं. दोनों साथ ही देवघर की यात्रा करते हैं और बाबा को जल अर्पण करते हैं. साथ ही कहा कि 10 वर्षों में अभी तक भगवान से बिना कुछ मांगे उनको जल चढ़ाते हैं, लेकिन उनकी विशेष महिमा दोनों पर बनी रहती है. बाबा से यह मिन्नत जरूर करता हूं कि सभी लोग स्वस्थ हैं और खुश रहें।