पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महागठबंधन से दोस्ती करना उनको मानसिक रूप से बीमार कर रहा है. पहले से ही महागठबंधन के कई लोगों ने जिस तरह से सनातन विरोधी, समाज विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है ऐसे में नीतीश कुमार पर इसका असर पड़ना तय ही था. लगभग 13 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के मुखिया का व्यवहार जब देश-विदेश के लोगों को भी शर्मिंदा करने लगे तो उस राज्य के भविष्य अंधकार के आगोश में जाना लाज़मी है. महागठबंधन की संगति ही मुख्यमंत्री की ऐसी दुर्गति का कारक है।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आरजेडी के लोग जिस जंगलराज को जनताराज बताकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रहे हैं उनको पता होना चाहिए कि बिहार पूर्ण रूप से गुंडाराज के गिरफ्त में आ चुका है और यहां कागज पर शासन, एसी में आसन और झूठा भाषण का दौर चल रहा है।
विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार की बिगड़ी हुई भाषा और व्यवस्था उनके व्यक्तित्व के पतन का कारण है. वे इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं? यह कहना गलत नहीं होगा कि महागठबंधन के सिरमौर माने जाने वाला व्यक्ति जिसकी आकांक्षा देश का प्रधानमंत्री बनना हो वो महज एक मुख्यमंत्री का पद भी ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस तरह से सदन में मुख्यमंत्री ने असंवैधानिक लहजे में महिलाओं के प्रति खुलकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित करने का कार्य किया है. उससे पूरा बिहार ही नहीं देश और दुनियां के लोग आहत हैं. जिस तरह से उनके द्वारा एक दलित पूर्व मुख्यमंत्री की आवाज को दबाया गया, उनके खिलाफ अपशब्द बोले गए उससे साबित होता है कि वो वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।