‘मां’ के दूध पर FSSAI का सख्त फरमान, जरूरत पड़ने पर भी बेचो मत, डोनेट करो

GridArt 20240526 134823670

अगर कोई शख्स किसी महिला का दूध या महिला के दूध के बने प्रोडक्ट बेचता है तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। इसे लेकर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने चेतावनी जारी की है। FSSAI ने कहा है कि देश में ह्यूमन मिल्क को प्रोसेस करने या बेचने की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स (FSS) ऐक्ट, 2006 के अनुसार इजाजत नहीं दी जा सकती। FSSAI ने यह चेतावनी ऐसे समय जारी की है जब उसे महिला के दूध का कारोबार करने की शिकायतें मिल रही थीं।

लोग बेच रहे ‘मां’ का दूध और प्रोडक्ट

FSSAI की तरह से जारी नोट में कहा गया है कि उसे ऐसी कई शिकायतें मिली थीं जिनमें सोसायटी और दूसरी जगह महिला का दूध और उस दूध से बने प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं। FSSAI ने कहा कि महिला के दूध को बेचना पूरी तरह मना है। इसका व्यापार नहीं किया जा सकता। यही नहीं, महिला के दूध काे प्रोसेस करके उससे बनी चीजों को भी नहीं बेचा जा सकता। FSSAI ने कहा है कि ह्यूमन मिल्क और इससे बने प्रोडक्ट की बिक्री पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

नहीं दिया जा सकता अप्रूवल

ऐसा भी देखने में सामने आया है कि राज्य और केंद्र में लाइसेंस देने वाली कई अथॉरिटी भी ह्यूमन मिल्क को बेचने के लिए अप्रूवल दे रही हैं। FSSAI ने ऐसी अथॉरिटी को भी चेतावनी दी है और ऐसे किसी भी अप्रूवल को देने से मना किया है। साथ इन अथॉरिटी से यह भी कहा है कि वे ऐसे किसी भी फूड ऑपरेटर को भी ऐसा कोई लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन न दें।

सिर्फ जरूरत में ही किया जा सकता है डोनेट

FSSAI ने कहा है कि मां के अलावा किसी दूसरी महिला का दूध किसी बच्चे को सिर्फ जरूरत में ही दिया जा सकता है। इसे डोनेट करना कह सकते हैं। FSSAI ने कहा है कि यहां दूध डोनेट करने से मतलब फ्री में दूध उपलब्ध कराना है। यह भी तब है जब दूध डोनेट करने वाली महिला अपनी इच्छा से डोनेट करे। यह स्थिति तब ज्यादा बनती है जब बच्चा पैदा होता है और उसकी मां अस्पताल में भर्ती होती है। इस दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब मां अपने नवजात बच्चे को दूध नहीं पिला पाती। तब कोई महिला अपनी इच्छा से बिना किसी लाभ के बच्चे को दूध पिला सकती है।

https://x.com/fssaiindia/status/1794575681524990324

5 लाख रुपये तक का जुर्माना

अगर कोई शख्स ह्यूमन मिल्क बेचता है तो उस पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (FSS) ऐक्ट, 2006 के अनुसार कार्रवाई होगी। इस ऐक्ट में कार्रवाई होती है तो उस शख्स पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या उसे 6 महीने तक की जेल हो सकती है।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Recent Posts