यूपी के रायबरेली जिले के अयोध्या पुरी निराला नगर के रहनेवाले बाल कृष्ण श्रीवास्तव आज गर्व से फूले नहीं समय रहे. ये मौका इन्हें इनके बच्चों ने दिया है. इनके बच्चों ने गरीबी को मात दे कर सफलता पाई है. दरअसल, बाल कृष्ण की दो बेटियों व बेटे ने सरकारी नौकरी प्राप्त कर दिया यह साबित कर दिया कि अगर मन कुछ करने की लगन हो तो आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती.
पिता के तीनों बच्चों किया नाम रोशन
बालकृष्ण श्रीवास्तव के अनुसार, उनके तीनों बच्चों ने उनका सपना पूरा कर दिखाया. उनकी बड़ी बेटी नेहा श्रीवास्तव सहायक अध्यापक हैं, छोटी बेटी निधि श्रीवास्तव युवा विकास कल्याण अधिकारी हैं, और उनका बेटा अभिनंदन श्रीवास्तव का अभी हाल ही में रेलवे आरआरसी में चयन हुआ है. उन्होंने बताया कि उनके मन में हमेशा से ये सपना था कि उनके बच्चे भी अधिकारी बनें. वह जब किसी सरकारी कार्यालय में जाते तो वहां कार्य करने वाले अधिकारियों को देखकर उनके मन में यही ख्याल आता कि काश उनके बच्चे भी इस तरह अधिकारी बन पाएं.
देखा था बच्चों को अधिकारी बनाने का सपना
अपना यही सपना लिए बाल कृष्ण ने अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा कर इतना सक्षम बनाया कि वो सरकारी विभाग में अपनी जगह बनाने में सक्षम हो सकें. बच्चों ने भी पिता की मेहनत और उनके सपने को पूरी तरह से समझaअ और आज वे केंद्र व प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सहायक अध्यापक के पद पर तैनात नेहा श्रीवास्तव का कहना है कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए. जब तक मंजिल नहीं मिल जाती, लगातार अपने लक्ष्य के प्रति प्रयासरत रहना चाहिए. परिस्थितियां कैसी भी हों, डटकर उनका सामना करना चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनकी छोटी बहन और उनके माता-पिता का है.
तीनों ने पाई सफलता
उन्होंने आगे बटाया कि सबसे पहले उनकी बहन निधि श्रीवास्तव का क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के पद पर चयन हुआ. जिससे उन्हें ऐसा लगा कि अपने भाई-बहनों में वह सबसे बड़ी हैं. जब उनकी छोटी बहन यह कर सकती है तो वह खुद क्यों नहीं. उसी से प्रेरणा लेते हुए नेहा ने यह मुकाम हासिल किया. उनके छोटे भाई आरसी रेलवे 2019 की परीक्षा में चयनित हुए हैं.