प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो-डी- जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में गरीबी और भूख से निपटने के लिए भारत द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। “सामाजिक समावेशन और भूख तथा गरीबी के खिलाफ लड़ाई” सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और बताया कि देश कैसे पारंपरिक और नए तरीकों के माध्यम से टिकाऊ विकास कर रहा है।
प्रधानमंत्री के मुताबिक भारत की दृष्टि दो प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है: “बुनियादी बातों पर वापसी” और “भविष्य की ओर बढ़ना।” उन्होंने टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों जैसे जैविक खेती को बढ़ावा देना और जलवायु-अनुकूल फसलों की खेती का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने “श्री अन्न” यानी बाजरा को लोकप्रिय बनाने की बात की जो भारत की पोषण सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है।
भारत सभी लोगों के विकास पर दे रहा ध्यान : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत केवल विकास पर ही ध्यान नहीं दे रहा है, बल्कि यह सुनिश्चित कर रहा है कि यह विकास सभी के लिए समावेशी हो।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन प्रदान किया है, जो देश के भूख और खाद्य सुरक्षा को दूर करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसके अलावा, पीएम मोदी ने गरीब और बुजुर्गों के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं, महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण और समग्र खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की पहलों का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “भारत यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि कोई भी पीछे न छूटे और विकास के लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।”
पीएम मोदी ने वैश्विक भूख और गरीबी से निपटने के लिए ब्राजील के वैश्विक गठबंधन बनाने के पहल का समर्थन किया
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से भी मुलाकात की। गीता ने भूख और गरीबी को कम करने में भारत के सफल प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दुनिया इन क्षेत्रों में भारत की “रचनात्मक पहलों” से बहुत कुछ सीख सकती है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ब्राजील की पहल का समर्थन करते हुए वैश्विक भूख और गरीबी के खिलाफ गठबंधन बनाने का समर्थन किया। उन्होंने वैश्विक खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट के विकासशील देशों पर असमान प्रभाव पर चर्चा की और जोर दिया कि इन समस्याओं का समाधान विकासशील देशों की जरूरतों को प्राथमिकता देना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा “भारत ब्राजील की भूख और गरीबी से निपटने के लिए वैश्विक गठबंधन की पहल का पूरी तरह समर्थन करता है।” उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ की चिंताओं को हमारी चर्चाओं के केंद्र में रखना चाहिए खासकर मौजूदा वैश्विक संघर्षों के संदर्भ में, जो खाद्य और ऊर्जा संकट को और बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि भारत वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे विकासशील देशों की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें।