प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को डिजिटल प्रौद्योगिकी से पैदा अवसरों और चुनौतियों के बीच सही संतुलन बनाने में जी20 देशों (G20 Summit) की भूमिका पर जोर दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और भविष्य की जरूरतों को अपनाने पर जोर दिया।
जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी इस वक्त अमेरिका की यात्रा पर हैं। वहां से पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के पुणे में जी20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता पर बात की। कहा कि ये सीखने, कौशल बढ़ाने और शिक्षा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं बना सकता है।
शोध में सहयोग की अपील की
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि जी20 देश अपनी-अपनी ताकत के साथ शोध और नवाचार को बढ़ावा देने में खासकर ग्लोबल साउथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद प्रतिष्ठित सदस्यों से शोध में सहयोग बढ़ाने के लिए रास्ता बनाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए निरंतर कौशल, पुन: कौशल और कौशल को लगातार बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल वह नींव है, जिस पर भारत की सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य का वास्तुकार भी है।
पीएम मोदी ने G20 शिक्षा मंत्रियों के महत्व पर प्रकाश डाला
बच्चों और युवाओं के भविष्य के प्रति जी20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि समूह ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हरित परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण को त्वरक के रूप में पहचाना है।
प्रधान मंत्री ने कहा, ‘शिक्षा इन सभी प्रयासों के मूल में है’। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बैठक का परिणाम एक समावेशी, कार्य-उन्मुख और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा एजेंडा होगा। पीएम ने कहा कि इससे पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की सच्ची भावना का लाभ मिलेगा।