दिल्ली में फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, 10 लोग गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से करोड़ों रुपये की कीमत की फेक दवाइयां बरामद की हैं। इतना ही नहीं पुलिस ने उन दो फैक्टरियों को भी सील किया है जहां ये फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाई जा रही थीं। क्राइम ब्रांच के एडिश्नल सीपी संजय भाटिया ने बताया कि क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि दिल्ली-एनसीआर में फेंक दवाइयों की सप्लाई की जा रही है इसी सूचना के आधार पर 3 टीमें बनाई गईं, जिन्ंहे अलग-अलग लोकेशन पर भेजा गया।
ईको वैन से बरामद हुईं नकली दवाइयां
क्राइम ब्रांच की पहली टीम ने दिल्ली के तिलक ब्रिज इलाके में उपकार नाम के शख्स को ईको वैन के साथ गिरफ्तार किया, जिसका जसप्रीत सिंह ड्राइवर था। जब क्राइम ब्रांच की टीम ने ईको वैन की तलाशी ली तो जांच के दौरान काफी तादात में नकली दवाइयां बरामद हुईं। क्राइम ब्रांच की टीम ने उपकार और जसप्रीत से जब पूछताछ की तो एक बहुत बड़े फेक दवाइयों के रैकेट का पर्दाफाश हुआ। क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि फेक दवाइयां बनाने वाली फैक्ट्री शामली में चल रही थी, जिसको सुरेंद्र मलिक नाम का शख्स चला रहा था।
नकली दवाइयों की फैक्ट्री पर मारा छापा
इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने जाल बिछाया और सुरेंद्र मलिक को गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस की टीम शामली में उस जगह पर भी पहुंची जहां पर फैक्ट्री में नकली दवाइयां बनाई जा रही थीं। पुलिस की टीम ने इस नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री को सील कर दिया। इसके अलावा पुलिस को वहां से भारी मात्रा में नकली दवाइयां मिली जिनकी कीमत करोड़ों में है।
क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम भी इस मामले की जांच में लगी हुई थी। दूसरी टीम को पता चला कि दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में फेक दवाइयों के साथ एक शख्स आने वाला है। इसी सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तम नगर इलाके से मुकेश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। पुलिस को मुकेश के घर से भारी मात्रा में नकली दवाइयां बरामद हुईं। जब उससे पूछताछ की गई तो विकास चौहान का नाम सामने आया। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और विकास चौहान को गिरफ्तार कर लिया।
गाजियाबाद में दूसरी फैक्ट्री और गोडाउन
पुलिस की पूछताछ में निकलकर सामने आया कि विकास चौहान गाजियाबाद के राजेंद्र नगर इलाके में एक फैक्ट्री चला रहा है और इस फैक्ट्री के अंदर फेक दवाइयां बनाई जाती थी। इतना ही नहीं जांच में यह भी सामने आया कि गाजियाबाद के भोपुरा इलाके में विकास चौहान का एक गोडाउन था। जब पुलिस की टीम वहां पर पहुंची तब विकास चौहान का पिता पुलिस को चकमा देकर भागने लगा। पुलिस ने पीछा कर उसे जब पकड़ा तो उसके पास भी काफी मात्रा में फेक दवाइयां बरामद हुईं।
इस पूरी जांच के दौरान दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों से करोड़ों रुपये की नकली दवाइयां बरामद की गई हैं। बरामद दवाइयाों के नाम हैं-
- Tab. Ultracet Johnson & Johnson
- Tab Amaryl 1M Sanofi
- Tab. Gluconorm G1 Lupin
- Tab. Defcort-6 Macleods Pharmaceuticals
- Tab Amaryl 2M Sanofi
- Tab. Gluconorm G2 Lupin
अब पुलिस की टीम यह पता करने में जुटी है कि ये पूरा गैंग अब तक कहां-कहां पर इन नकली दवाइयों की सप्लाई कर चुका है और कितनी फेक दवाइयां मार्केट के अंदर घूम रही हैं।
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