पटना में गंगा और पुनपुन अभी भी खतरे के निशान से ऊपर, कोसी-गंडक और बागमती भी लाल निशान के पार
बिहार में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पटना में गंगा का पानी आसपास के निचले इलाकों में घुस गया है, जिस वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. हालांकि जल संसाधन विभाग ने बताया कि गंगा में अब जलस्तर घटने का ट्रेंड दिख रहा है. केंद्रीय जल आयोग और बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार पटना में गंगा दीघा घाट में खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं पटना के गांधी घाट में खतरे के निशान से 64 सेंटीमीटर अभी ऊपर है, जबकि हाथीदह में 72 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. इसके अलावे गंगा बक्सर, मनेर और मुंगेर में भी खतरे के निशान के करीब है।
गंडक-कोसी और बागमती खतरे के निशान से ऊपर: गंगा के साथ पुनपुन नदी भी पटना में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पटना के श्रीपालपुर में पुनपुन नदी का डेंजर लेवल 50.60 मीटर है, जबकि अभी जलस्तर 50.83 मीटर है. वहीं केंद्रीय जल आयोग के अनुसार उत्तर बिहार की कई नदियों में भी उफान है. गंडक नदी गोपालगंज जिले के डुमरिया घाट में 31 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है।
लगातार बढ़ रहा है नदियों का जलस्तर: बूढ़ी गंडक खगड़िया में 86 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. बागमती नदी मुजफ्फरपुर के रुनीसैदपुर में खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं बेनीबाद में 104 सेंटीमीटर ऊपर है. कोसी नदी खगड़िया में 120 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि कटिहार जिले के कुर्सेला में 84 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. परमान नदी अररिया जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
दियारा के लोगों की मुश्किलें बढ़ीं: गंगा नदी के जलस्तर के कारण दियारा इलाकों के लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. बड़ी संख्या में लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण भी ले लिया है. जल संसाधन विभाग के अनुसार 24 घंटे तटबंधों और नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है, फिलहाल तटबंध सभी सुरक्षित हैं।
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