Gaya: कभी चूल्हे-चौके में सिमटी थी जिंदगी, अब हैं कंपनी में निदेशक; ग्रामीण महिलाओं के जीवन में भरा स्वावलंबन का प्रकाश

GridArt 20231127 154048942

यह कहानी पति पर निर्भर रहने वाली साधारण गृहिणियों के छह साल में स्वावलंबी होने की है। 2017 में शुरुआत सोलर स्टडी लैंप के निर्माण और बिक्री से हुई थी।

जीविका से जुड़ी महिलाओं ने जे वायर कंपनी के सहयोग से यह कार्य शुरू किया था। सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को स्टडी लैंप दिए गए थे। प्रत्येक लैंप एक सौ रुपये में बेचे गए थे।

अब धुआं रहित चूल्हा, एलईडी बल्ब व इनवर्टर बल्ब तक बना रहीं हैं। जीविका समूह की सदस्य से कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में प्रोन्नत होकर इनके निर्माण और बिक्री के लिए बड़ा लक्ष्य तय कर रहीं हैं।

महिलाओं को पांच दिनों का मिला था प्रशिक्षण 

जीविका समूह की दीदियों को सोलर लैंप बनाने के लिए बोधगया में पांच दिनों का प्रशिक्षण मिला था। इसके बाद इन महिलाओं ने अपने अपने प्रखंड मुख्यालयों में सोलर लैंप सेंटर खोला और असेंबल करना शुरू कर दिया।

वर्ष 2017-2018 में 17 लाख सोलर स्टडी लैंप बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इस कार्य में एक प्रखंड में 10 महिलाएं लैंप बनाने में और 10 महिलाएं सरकारी विद्यालयों में लैंप वितरण करने में रहती थी।

लैंप की वारंटी एक साल की दी गई थी, जिसकी मरम्मत के लिए पांच जिलों में 350 रिपेयरिंग सेंटर खोले गए। सोलर स्टडी लैंप बनाने का प्रोजेक्ट पूरा हो गया, परंतु दीदियों में उत्साह छोड़ गया। उम्मीद की किरण जगा गया।

दूसरा चरण : जीविका दीदियों के साथ मिलकर कंपनी ने दूसरे चरण में डोभी प्रखंड कार्यालय के पुराने भवन में छह जनवरी 2020 को सोलर मार्ट खोला। पहले सोलर स्टडी लैंप वाले प्रोजेक्ट में कार्य करने वाली महिलाओं में से चुन कर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बनाया गया।

इस सेंटर में एलईडी बल्ब, इनवर्टर बल्ब और धुआं रहित चूल्हा बनाए जाने लगे। गया समेत पांच जिलों औरंगाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण और आरा में पहले से खुली 350 रिपेयरिंग की दुकानों में अब इन सामग्रियों की बिक्री भी शुरू कर दी गई है।

इन दुकानों का संचालन जीविका दीदियां करती हैं। वहीं गया के डोभी स्थित निर्माण केंद्र में भी कार्य तकनीकी तौर पर दक्ष महिलाएं ही करती हैं। अब सोलर मार्ट की संख्या नए वर्ष 2024 में 3500 पहुंचाना लक्ष्य है।

उद्देश्य : निदेशक सविता देवी और सन्नू देवी ने बताया कि वोकल फार लोकल के साथ बिजली बचाना मुख्य उद्देश्य है। एल ई डी बल्ब और इनवर्टर बल्ब काफी कम ऊर्जा लेकर प्रकाश देता है, जिससे बिजली की बचत होती है। वहीं घरेलू बजट पर बिजली बिल का भार भी कम होता है।

धुआं रहित चूल्हा उन ग्रामीण क्षेत्र के लिए है, जहां घरेलू गैस खत्म हो जाने पर लकड़ी का उपयोग महिलाएं खाना बनाने में करती हैं। इस चूल्हा से धुआं नहीं के बराबर निकलता है, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ साथ वायु प्रदूषण भी कम होता है।

वर्ष 2020 से वर्ष 2023 तक तीन करोड़ का कारोबार हो चुका है, जिसमें लगभग तीस लाख लाभ हुआ है। लाभ का बंटवारा सभी शेयर धारक को मिलता है। वर्ष 2024 में इस सेंटर से कारोबार का लक्ष्य 10 करोड़ रखा गया है।

कहां से मंगवाई जाती हैं सामग्रियां

विभिन्न कंपनियों से प्रस्ताव मांगा जाता है, इसके साथ सैंपल भी लिया जाता है। इनमें बेहतर का चयन कर खरीद की जाती है। अभी तक ज्यादातर दिल्ली, यू पी और हिमाचल प्रदेश से मंगवाया गया है।

निदेशकों की पृष्ठभूमि : कंपनी की निदेशक सविता गया के शेरघाटी प्रखंड के खडार गांव की हैं। इन्होंने बताया कि वह स्नातक उत्तीर्ण हैं। पहले घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पति बेरोजगार थे, इस बीच बच्चे भी हो गए। अब व्यवसाय से जुड़ने के बाद आत्मनिर्भर हो गई हूं।

निदेशक संजू कुमारी बोधगया प्रखंड के कोल्हारा गांव की हैं। इन्होंने बताया कि इंटर पास करने बाद शादी हो गई। 2016 में पति गुजर गए। दो बच्चे हैं। भविष्य अंधकारमय लगने लगा। अब स्वयं के परिवार के साथ दूसरी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही हूं।

क्या है धुआं रहित चूल्हा 

धुआं रहित चूल्हे के साथ पचास वोल्ट का सोलर प्लेट और 12 वोल्ट की बैटरी जुड़ी होती है। चूल्हे के दो चेंबर में पंखा लगा होता है। जैसे ही जलती लकड़ी इसमें डाली जाती है, पंखे बैटरी से चलने लगते हैं। लकड़ी से निकलने वाला धुआं पहले कॉम्बर्शन चेंबर से दूसरे कॉम्बर्सन चेंबर में प्रवेश करता है।

दोनों चेंबर में 24 छिद्र होते हैं। एक दूसरे चेंबर में धुआं ऊपर नीचे होता रहता है। यही कारण है कि धुआं काफी कम मात्रा में बाहर आ पाता है।

सोलर मार्ट की संख्या साढ़े तीन हजार पहुंचाने के लक्ष्य को बड़े संस्थान के सहयोग से पूरा किया जाएगा। इस लक्ष्य प्राप्ति के साथ लगभग पांच हजार जीविका दीदियां को रोजगार उपलब्ध हो जाएगा।

हमारे प्रोजेक्ट में कई बड़े संस्थान को जोड़े जाने का प्रस्ताव लाया गया है और जल्द ही इसे वृहद रूप दे दिया जाएगा। – गौरव पांडेय, प्रबंधक व्यापार एवं उद्यमिता विकास, गया

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Recent Posts