गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार (SSP Aditya Kumar) को आखिरकार सरेंडर करना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद फरार चल रहे तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार ने मंगलवार को पटना सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उच्चतम न्यायलय ने फरार आईपीएस अधिकारी को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था. मिली जानकारी के अनुसार आदित्य कुमार एसीजेएम-1 की अदालत में सरेंडर किया है. इसके बाद आरोपी के वकील ने कोर्ट से जमानत देने की अपील की, लेकिन न्यायालय ने इस मांग को खारिज कर दिया और आरोपी अफसर आदित्य कुमार को जेल भेज दिया.
जालसाजी एवं ठगी का आरोप लगा था
तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 बी, एवं धारा 66 सी, 66 डी एवं आईटी एक्ट 2000 के तहत किस दर्ज किया गया. गया के तत्कालीन एसएसपी के अलावे इनके सहयोगी गौरव राज, शुभम कुमार तथा राहुल रंजन जायसवाल एवं अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस उपाधीक्षक भास्कर रंजन के आवेदन पर 15 अक्टूबर 2022 को केस दर्ज किया गया था. जिसमें आपराधिक षड्यंत्र के तहत 22 अगस्त 2022 से केस दर्ज होने की तिथि तक सरकारी काम में हस्तक्षेप करने, जालसाजी एवं ठगी का आरोप लगा था.
शराब कांड से जुड़ा था मामला
बता दें कि तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार पर पटना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार डीजीपी से पैरवी करने का आरोप लगा था. फर्जीवाड़ा के जरिए शराब कांड को खत्म करने के मामले में 15 अक्टूबर 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस को निलंबित भी कर दिया था. वहीं, इस मामले को लेकर अब विपक्ष नीतीश प्रशासन पर सवाल भी उठा रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि सात महीने बीत जाने के बाद भी आदित्य कुमार को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी.