केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को जान से मारने की धमकी दी गई है. गिरिराज सिंह को जान से मारने की धमकी शुक्रवार को उनके प्रतिनिधि रहे अमरेंद्र कुमार अमर को आई. बेगूसराय में इसे लेकर लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. बताया गया है कि अमरेंद्र कुमार अमर को पाकिस्तान के नंबर से कॉल करके गिरिराज सिंह को जान से मारने की धमकी दी गई. गिरिराज सिंह को जान से मारने की धमकी भरा फोन कॉल शुक्रवार सुबह 11:28 बजे फोन आया।
अमरेंद्र कुमार धमकी भरे फोन कॉल के बाद घटना को लेकर बेगूसराय के डीएम और एसपी को इसकी लिखित शिकायत की है. इसमें उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के नंबर से कॉल करके केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मुझे गालियां दे गई. साथ ही फोन करने वाले ने कहा कि तुम दोनों का हश्र बुरा होगा. अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो. इसमें गिरिराज सिंह को जान से मारने की बात कही गई है।
गिरिराज सिंह अक्सर अपने बयानों से सुर्खियाँ बटोरते रहते हैं. खासकर हिंदुओं के मुद्दे पर वे अक्सर काफी मुखर रहते हैं. साथ ही देश विरोधी तत्वों के खिलाफ उनके तीखे बयान आए दिन आते हैं. यहां तक कि ऐसे कट्टरपंथी तत्व जो भारत में हिंदू विरोधी और राष्ट्र विरोधी कृत्यों को अंजाम देते हैं या फिर जेहादी मानसिकता से ग्रसित हों उनके खिलाफ भी गिरिराज के तीखे बयान अक्सर सुर्खियां बटोरते हैं. यहां तक कि शुक्रवार को भी गिरिराज ने अपने सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक पोस्ट किया. इसमें गिरिराज सिंह ने कहा कि जो लोग हिंदू-साधुओं पर टिका टिप्पणी कर रहे हैं वो इस कबीर जी की पंक्ति को पढ़ लें : कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लई बनाय। ता चढि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय !
गिरिराज सिंह की छवि मुखर हिंदूवादी नेता की रही है. वे वर्ष 2014 से लोकसभा सदस्य हैं. साथ ही मोदी सरकार में तीनों बार वे केंद्रीय मंत्री रहे हैं. हालांकि गिरिराज सिंह के बयानों से कई बार बवाल भी हुआ है. इन सबके बीच अब उन्हें पाकिस्तान के फोन नंबर से आए कॉल में जान से मारने की धमकी देने की बात सामने आई है. माना जा रहा है कि गिरिराज को यह धमकी इसलिए मिली है क्योंकि उन्होंने कई बार पाकिस्तान को लेकर तल्ख अंदाज दिखाया है।
बिहार के बेगुसराय से लोकसभा सांसद का चुनाव जीते गिरिराज राष्ट्रीय एकता का संदेश देते हुए शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा- कश्मीर की वादियों से कन्याकुमारी के तट तक, राजस्थान के रेगिस्तान से पूर्वोत्तर के जंगलों तक, हर राज्य और गाँव एक अनूठा अनुभव है। यहाँ की मिट्टी में हमारी विरासत की महक, नदियों में इतिहास की गहराई, और पहाड़ों में अनगिनत कहानियाँ छिपी हैं। तकनीक के इस दौर में, पर्यटन हमें आत्मा की शांति और प्रकृति से जुड़ने का मौका देता है। आइए, आज से एक नई यात्रा की शुरुआत करें—अपने देश को समझने और उसकी धरोहरों को सहेजने का संकल्प लें।