Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

लद्दाख में तेजी से पिघल रहे हैं ग्लेशियर, बाढ़ मचा सकती है तबाही

ByKumar Aditya

जुलाई 30, 2023
GridArt 20230730 105333141 scaled

लद्दाख में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और इससे आनेवाले समय में बाढ़ के रूप में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा आ सकती है। हिमालयी पार्काचिक ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज होने से तीन झीलों का निर्माण हो सकता है जिनकी औसत गहराई 34 से 84 मीटर तक हो सकती है। वैज्ञानिकों ने अपने स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।

देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि संभव है कि ये झील हिमालय के इलाकों में बाढ़ की बड़ी वजह बनें। पार्काचिक ग्लेशियर सुरु नदी घाटी के सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक है और यह पश्चिमी हिमालय की दक्षिण जन्स्कार श्रृंखला का हिस्सा है। जन्स्कार श्रृंखला हिमालय में स्थित है और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में अवस्थित है।

छह गुना अधिक गति से ग्लेशियर पिघला

पत्रिका ‘एन्नल्स ऑफ ग्लेशियोलॉजी’ में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने ग्लेशियर के पिघलने की दर का पता लगाने के लिए 1971 से 2021 के बीच उपग्रह आंकड़ों का विश्लेषण किया जिसके मुताबिक 1971 से 1999 (28 साल) के मुकाबले 1999 से 2021 (इक्कीस साल) में छह गुना अधिक गति से ग्लेशियर पिघला। स्टडी के मुताबिक, हिमनदों के पीछे हटने का कारण जलवायु परिवर्तन है, जो ग्लेशियरों की सतह में बदलाव या भूवैज्ञानिक परिवर्तनों का भी कारण बनता है।

भू-सतह में बदलाव की वजह से झीलों का निर्माण

वैज्ञानिकों ने बताया कि तेजी से पीछे हटते हिमनद के साथ भू सतह में बदलाव की वजह से झील बन रही हैं और इनका विस्तार हो रहा है जो हिमालय में बाढ़ का कारण बन सकती हैं। ग्लेशियर से झील तब बनती है जब घर्षण से सतह गहरी होती है और वह पिघल जाती है। अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने तीन स्थानों की पहचान की है जहां पर ग्लेशियर से झील बन सकती है और इनका आकार 43 से 270 हेक्टेयर हो सकता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *