पटना: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को रोहतास जिले के सासाराम में जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत की. दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने राम-रावण का उदाहरण देते हुए अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अहंकार से घातक कुछ भी नहीं है. उनके अलावा बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी लोगों को संबोधित किया।
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ज्ञान के साथ संस्कार भी चाहिए. रावण राम से धनवान व ज्ञानी थे. आज रावण की पूजा नहीं होती, बल्कि संस्कारी राम की पूजा होती है. उन्होंने कहा कि अहंकार से घातक कुछ भी नहीं है. अहंकार रहित जीवन जीने की कोशिश की जाए तो इसका फल सर्वोत्तम होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद धर्म सभा में अमेरिका गए थे. किसी विदेशी ने उनको देखा और उन पर मुस्कराया. स्वामी विवेकानंद के वस्त्र पर वह हंसा. रक्षा मंत्री ने बताया कि जब स्वामी जी बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि आपके यहां दिखावा है. मेरे यहां संस्कार हैं. यह मत भूलना आज जो भी तुम हो वह अपने माता-पिता व गुरु की बदौलत हो।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि मिलकर चलने का जो परिणाम होगा, उससे कुछ अतिरिक्त अपने जीवन में अलग दिखेगा. दो लोग मिलकर काम करते हैं तो जो एनर्जी पैदा होती है, वह एक्स्ट्रा एनर्जी है. अटल जी की उक्ति आज भी प्रासंगिक इसलिए सबको साथ लेकर चलें. छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता. अटल जी की यह उक्ति आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि छोटे मन के व्यक्ति को परमानंद की अनुभूति नहीं होती है. जितना मन को बड़ा रखोगे, उतना ही सुख व आनंद मिलेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा देश सेक्युलर है, मैं भी मानता हूं. मंदिर और मस्जिद जाना धर्म नहीं है. इस ब्रह्मांड में जड़ व चेतन के अस्तित्व की सुरक्षा परिपालन की गारंटी व विकास व संवर्धन को हम धर्म कहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आठ वर्ष में उनकी पूंजी बढ़ी है. हर चीज का उपयोग करें. देश का अमृत काल समाप्त होते ही भारत विकसित देश के रूप में खड़ा होगा. 2014 में देश की इकोनॉमी 10वें पायदान पर थी, आज देश-दुनिया में पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत खड़ा है. 2027 तक शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था देश में भारत शामिल होगा।