बिहार की चार नदियों गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर 12 और पुल बनाए जाएंगे। इन चारों नदियों पर अभी 24 पुल बने हुए हैं। 15 पुलों का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। इन पुलों का निर्माण होते ही राज्य की चार नदियों पर बड़े पुलों की संख्या 51 हो जाएगी। दर्जन भर नए पुल बनाने के लिए पथ निर्माण विभाग ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके साथ ही लोगों को हर 20 किलोमीटर की दूरी पर चार लेन सड़क उपलब्ध कराया जाएगा।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार हिमालय से निकलने वाली नदियों के जल प्रवहण क्षेत्र में है। दक्षिण बिहार में भी सोन सहित अन्य नदियां हैं। सुगम यातायात के लिए इन नदियों पर पुलों का निर्माण जरूरी है, ताकि लोग कम समय में गंतव्य दूरी तय कर सकें। सरकार ने पहले बिहार के किसी भी कोने से छह घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर काम शुरू किया। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद अब बिहार के किसी भी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर काम चल रहा है, जो तीन-चार महीने में पूरा हो जाएगा।
इसी कड़ी में अब सरकार ने 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य तय किया है, जबकि 2035 तक राज्य के किसी भी कोने से मात्र तीन घंटे में पटना पहुंचा जा सकेगा। इसके लिए विकसित भारत 2047 का रोड मैप तैयार किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 5000 किमी सिंगल लेन सड़क को दो लेन या इससे अधिक चौड़ा किया जाएगा।
गंगा नदी पर बक्सर में मौजूदा पुल के समानांतर तीन लेन का पुल बनेगा। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे के मार्ग रेखन पर मटिहानी- साम्हो के बीच छह लेन पुल तो कहलगांव में गंगा नदी पर चार लेन पुल बनेगा। सोन नदी में वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे और पटना-आरा-सासाराम के एलाइनमेंट में पुल का निर्माण होगा। गंडक नदी पर वीटीआर बाइपास पर चार लेन का नया पुल पतजिरवा में एनएच 727 ए के मार्गरेखन पर चार लेन, गोरखपुर-सिलीगुड़ी के मार्ग रेखन पर छह लेन और राम जानकी मार्ग के मार्ग रेखन में सत्तरघाट में चार लेन पुल का निर्माण होगा, जबकि कोसी नदी पर गोरखपुर-सिलीगुड़ी के मार्ग रेखन पर छह लेन पुल, पटना-पूर्णिया के मार्ग रेखन पर सिमरी-बख्तियारपुर के समीप छह लेन पुल और कुरसेला में अतिरिक्त चार लेन पुल का निर्माण होगा।