बिहार में सरकारी स्कूलों में जॉब करने टीचर की सबसे बड़ी समस्या ऑनलाइन तरीके से हाजरी बनाना है। इसको बंद करवाए जाने को लेकर कई बार शिक्षक अंदोलन और शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अब इन टीचर के लिए अच्छी खबर निकल कर सामने आई है। अब इन्हें ऑनलाइन हाजरी से छुट्टी मिल गई है। इसको लेकर पत्र भी जारी कर दिया गया है। हालांकि, इसको लेकर कुछ शर्तें भी रखी गई है। आइए बताते हैं आपको की पूरी खबर क्या है ?
दरअसल, इन दिनों बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आए हैं। ऐसे में इन जिलों में नौकरी करने वाले टीचरों को अपने स्कूल पहुंचने में काफी कठनाई हो रही है और कई तरह की समस्या का भी समाना करना पड़ रहा है। लिहाजा, अब यह तय किया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक अब मोबाइल ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की बाध्यता से मुक्त होंगे।
जानकारी हो कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 25 जून से शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए शिक्षा कोष ऐप का इस्तेमाल शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में अभी टीचर इस एप के जरिए स्कूल से 100 मीटर के दायरे में ही अपना हाजरी बना सकते हैं। इस बीच बाढ़ प्रभावित इलाके में जॉब करने वाले टीचरों को समस्या होने लगी। लिहाजा अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बड़ा निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने व्यवहारिक निर्णय लेते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिया है। डॉ सिद्धार्थ के निर्णय का उद्देश्य शिक्षकों को उन कठिनाइयों से मुक्त करना है जो बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनकी उपस्थिति दर्ज करने में आती हैं।
डॉ एस सिद्धार्थ ने यह तय किया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक अब मोबाइल ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की बाध्यता से मुक्त होंगे। यह निर्णय उन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जहां बाढ़ के कारण स्कूलों में नियमित रूप से उपस्थित होना संभव नहीं हो पा रहा है। लिहाजा अब इस निर्णय से शिक्षकों पर मानसिक दबाव कम होगा, क्योंकि उन्हें अब उपस्थिति दर्ज करने की चिंता नहीं रहेगी।