बिहार में पैक्सों से हटाए गए एक लाख से अधिक सदस्यों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हटाए गए सभी सदस्यों को फिर से बहाल करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया। बिहार में अगले महीने होने वाले पैक्स चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को पलट दिया जिसमें पैक्सों की सदस्या से संबंधित नियम 7 (4) को असंवैधानिक करार देते हुए इसे नियमावली से हटाने को कहा था। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद पैक्सों से हटाए गए एक लाख से अधिक सदस्यों की सदस्यता बहाल होने के बाद उनका नाम मतदाता सूची से जोड़ दिया जाएगा। कोर्ट के आदेश पर सहकारिता विभाग ने सभी सहायक निबंधक और जिला सहकारिता पदाधिकारी को आदेश जारी किया है।
विभाग ने कहा है कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद हटाए गए सदस्यों की सदस्यता को बहाल करें। सदस्यता बहाल किए जाने के बाद उनके नाम मतदाता सूची में शामिल कराया जाए। इसके साथ ही सहकारिता विभाग ने अपने पूर्व के उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें नियम 7 (4) को विलोपित करने का निर्देश जारी किया गया था। विभाग की तरफ से इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।