खुशखबरी! घर का सपना होगा पूरा, पांच साल में बनेंगे 5 लाख आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी)- 2 के तहत अगले पांच साल में पांच लाख आवास बनाए जाएंगे। प्रतिवर्ष औसतन एक लाख आवास निर्माण पर राज्य सरकार एक हजार करोड़ रुपये राज्यांश देगी। नगर एवं आवास विकास मंत्री नितिन नवीन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 से वर्ष 2029-30 तक आवास का निर्माण होना है। कैबिनेट से राज्यांश की मंजूरी के बाद गरीबों को आवास मिलने में और तेजी जाएगी।
इसको लेकर मंत्री ने बताया कि एक सितंबर से योजना शुरू है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्र में रहने वाले पात्र लाभार्थियों, परिवारों, कार्यान्वयन एजेंसियो को राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, प्राथमिक ऋण संस्थानों के जरिए घर बनाने, खरीदने या सस्ती कीमत पर किराये पर घर लेने के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करना है।
ब्याज सब्सिडी योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग के लाभुकों द्वारा मिशन अवधि के दौरान अगर हाउसिंग लोन, आवास की खरीद की गई है तो उन्हें आवास ऋण में ब्याज के रूप में सब्सिडी (अधिकतम 1.80 लाख) दी जाएगी। योजना के पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले लाभुक को योजना का लाभ मिल सकेगा। ब्याज सब्सिडी की पूर्ण राशि भारत सरकार द्वारा दी जाएगी।
मालूम हो कि लाभार्थी आधारित आवास निर्माण और भागीदारी में बनने वाले किफायती आवास के लिए राज्य सरकार लाभुकों को प्रति आवास एक-एक लाख रुपये देगी। पहले राज्य सरकार लाभार्थी आधारित आवास योजना में लाभुकों को प्रति आवासीय इकाई 50 हजार रुपये सहायता राशि मिलती थी। इसके अलावा लाभुकों को केंद्र सरकार डेढ़ लाख रुपये की सहायता राशि देगी।
अभिनव-निर्माण तकनीक का उपयोग करने वाली परियोजनाओं में प्रति इकाई 30 वर्गमीटर कारपेट एरिया के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान के रूप में 1000 रुपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा। किफायती रेंटल आवास योजना के अंतर्गत प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान के रूप में 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर (10-60 वर्ग मीटर/इकाई) की दर से राशि देने का प्रावधान है। ऐसी परियोजनाओं में राज्य सरकार भी 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से राशि देगी।
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