अलविदा रतन टाटा! जानें टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन की कितनी थी नेट वर्थ, इन दिग्गज ब्रांड्स का मालिक है ग्रुप

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भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का आज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 साल के थे। रतन टाटा पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नवल टाटा के बेटे रतन टाटा ने शादी नहीं की थी।

इन दिग्गज ब्रांड का मालिक है रतन टाटा का टाटा ग्रुप

दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों में गिने जाने वाले रतन टाटा का टाटा ग्रुप कई दिग्गज ब्रांड्स का मालिक है। टाटा ग्रुप के प्रमुख ब्रांड्स में जगुआर लैंड रोवर, एयर इंडिया, टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा नमक, टाटा चाय, टाटा प्ले, टाइटन, स्टारबक्स, वोल्टास, टाटा वनएमजी, टाटा कैपिटल, टाटा एआईजी, टाटा एआईए लाइफ, ज़ारा, फास्ट्रैक, तनिष्क, कल्टफिट, वेस्टसाइड जैसे नाम शामिल हैं।

कितनी थी रतन टाटा की नेट वर्थ

हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2022 के मुताबिक रतन टाटा उस समय दुनिया के 421वें सबसे धनी व्यक्ति थे, जिनकी नेट वर्थ 3800 करोड़ रुपये थी। पूरी दुनिया इस बात की गवाह है कि रतन टाटा ने कभी भी अमीर बनने के लिए बिजनेस नहीं किया बल्कि उन्होंने भारत और भारत के लोगों के लिए बिजनेस किया। रतन टाटा, टाटा ट्रस्ट के माध्यम से सामाजिक कार्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं।

रतन टाटा ने किया भारतीय इंडस्ट्री का नेतृत्व

रतन टाटा ने न सिर्फ बिजनेस की दुनिया में भारत को एक अलग पहचान दिलाई बल्कि इंडस्ट्री में भारत का नेतृत्व किया। अथाह संपत्ति होने के बावजूद रतन टाटा ने बेहद आम जीवन व्यतीत किया। बिल्कुल साधारण लाइफस्टाइल वाले उद्योगपति की जमीन पर बैठे एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी। इसके अलावा, वे अपने कर्मचारियों के प्रति बेहद सौम्य थे और सभी को बराबर मानते थे।

पूरे देश में शोक की लहर

रतन टाटा के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम राजनीतिक लोग, इंडस्ट्री से जुड़े लोग और देश के तमाम साधारण लोग भी रतन टाटा के निधन से बेहद दुखी नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताते हुए लिखा कि श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया।