एके-47 एसाल्ट राइफल, मैगजीन और 28 जिंदा कारतूस बरामदगी मामले में कुख्यात अपराधी मुन्ना मिश्रा को गोपालगंज कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। गोपालगंज एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने 4 साल पुराने मामले में कुख्यात मुन्ना मिश्रा को दोषी करार दिया है।
अभियोजन पक्ष से एपीपी जयराम साह और बचाव पक्ष से अधिवक्ता खजांची मिश्र व देवनन्दन सिंह की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मुन्ना मिश्रा को दोषी करार दिया। मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 7 गवाह पेश किए गए।
बताया जाता है कि कटेया थाने की पुलिस ने 23 जुलाई 2021 को पकहा तीन मोहानी के समीप से प्रतिबंधित एके 47 एसाल्ट राइफल, मैगजीन और 28 जिंदा कारतूस के साथ कटेया थाने के पानन खास गांव के निवासी कुख्यात मुन्ना मिश्रा उर्फ मनोज मिश्रा उर्फ दिलीप मिश्रा को गिरफ्तार किया था।
मामले को लेकर तत्कालीन कटेया थाना प्रभारी सुमन कुमार मिश्र ने अपने स्वलिखित बयान के आधार पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में कांड के अनुसंधानक ने 17 सितंबर 2021 को उसके खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया था, जबकि 1 अगस्त 2022 को कोर्ट में आरोप गठन हुआ था। उसके बाद शुरू हुई गवाही के दौरान पुलिस अवर निरीक्षक छोटन कुमार, सुमन कुमार मिश्र, सर्वेंद्र कुमार सिंहा, अश्विनी कुमार तिवारी और राजेश कुमार सहित कुल सात गवाहों की गवाही हुई।
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