बिहार में धीरे-धीरे हीटवेव का कहर कम होता दिख रहा है। राज्य में तापमान में भी सुधार हुआ है। वहीं, अब स्वास्थ्य विभाग ने जिले में हीटवेव से हुईं मौतों को लेकर विस्तृत ब्योरा तलब किया है।इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जिलों को इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया है। जून महीने के शुरुआत से प्रदेश के अधिकांश भागों में लू का कहर दिखने लगा था।
जून के मध्य तक राज्य में लू का यह कहर चरम पर जा पहुंचा, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग बीमार हुए और अस्पतालों में भर्ती कराए गए। लू की चपेट में आने से 50 से अधिक लोगों की मौत भी हुई। अब सरकार इसके आंकड़े जुटा रही है।
जिलों के सिविल सर्जनों के साथ ही मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षकों से यह जानकारी मांगी गई है कि संबंधित जिले में लू की वजह से कितने लोग बीमार होने के बाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए गए। जिलों को यह भी बताने के निर्देश हैं कि लू से कितनी मौत हुई हैं।
650 अस्पताल में भर्ती
स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया एक दिन पहले तक जिलों से जो आंकड़े प्राप्त हुए थे, उनके मुताबिक साढ़े छह सौ से अधिक लोगों को लू लगने के बाद विभिन्न जिला अस्पतालों में भर्ती कराया था। जिलों की रिपोर्ट में 35 संदिग्ध मौत का भी हवाला था। अब सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुष्टि करें कि जो मौत हुई हैं, उसकी वजह हीटवेव ही थी। विभाग ने इस पुष्टि के साथ जिलों से आंकड़े तलब किए हैं।