NationalTOP NEWS

भारत-चीन बॉर्डर के पास ‘स्टील स्लग रोड’ बना रही है सरकार; पढ़े पूरी रिपोर्ट

Google news

अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर के पास सरकार ‘स्टील’ निर्माण के दौरान पैदा हुए कचरे से मजबूत और ज्यादा टिकाऊ सड़कों का निर्माण कर रही है। ये सड़कें न सिर्फ परंपरागत सड़कों के मुकाबले ज्यादा मजबूत हैं, बल्कि कहीं ज्यादा सस्ती भी हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास मजबूत और अधिक टिकाऊ सड़कें बनाने के लिए स्टील उत्पादन के दौरान पैदा होने वाले कचरे ‘स्टील स्लैग’ का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मौसम की अनिश्चितताओं को भी झेल सकती है यह सड़क

सड़क निर्माण के लिए ‘स्टील स्लैग’ का उपयोग करने की तकनीक CSIR-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) द्वारा विकसित की गई थी, जिसका मकसद स्टील प्लांट्स द्वारा उत्पन्न स्लैग की समस्या का समाधान करना है। नई दिल्ली में CSIR-CRRI का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टील स्लैग के उपयोग वाली सड़कें न केवल पारंपरिक पक्की सड़क की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत सस्ती हैं, बल्कि ज्यादा टिकाऊ होने के साथ ही मौसम की अनिश्चितताओं को भी आसानी से झेल सकती हैं।

सूरत बना प्रोसेस्ड स्टील स्लैग रोड बनाने वाला पहला शहर

जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले साल जून में गुजरात का सूरत प्रोसेस्ड स्टील स्लैग रोड बनाने वाला देश का पहला शहर बन गया। स्टील प्लांट्स में स्टील बनाने की प्रक्रिया के दौरान कच्चे माल से पिघली अशुद्धियों से ‘स्लैग’ बनता है। मंत्री ने कहा कि सीमा सड़क संगठन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा क्षेत्र के पास टिकाऊ एवं बेहद मजबूत सड़क निर्माण के लिए स्टील स्लैग का उपयोग किया है। सिंह ने कहा कि स्टील स्लैग की आपूर्ति टाटा स्टील द्वारा मुफ्त में की गई और भारतीय रेलवे द्वारा जमशेदपुर से अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचाई गई।

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण