बिहार के वैसे सरकारी शिक्षक जो प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं सचेत हो जाएं। केके पाठक ने जिलों के अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों की जानकारी मांगी है जो निजी कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने जाते हैं। शिक्षक अगर बाज नहीं आते हैं तो उनकी नौकरी भी जा सकती है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने सरकारी शिक्षकों को निजी कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने जाने से मना किया था लेकिन इससे बाज नहीं आ रहे थे। एसीएस पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों पर शिकंजा कसने जा रही है। शिक्षा विभाग ने 10 जनवरी तक सभी जिलों के डीएम से कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों का ब्योरा मांगा है।
कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में गलत जानकारी देने वाले हेडमास्टर और अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन होगा। कोचिंग संस्थानों को भी यह शपथ पत्र देना है कि उनके यहां कोई भी सरकारी शिक्षक नहीं पढ़ा रहे हैं। जिला से लेकर प्रखंड स्तर के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही सभी हेडमास्टर को यह सुनिश्चत करने को कहा गया है कि कोई भी शिक्षक कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने नहीं जाए।