नई दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में प्रदूषण को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच एयर प्यूरीफायर विनिर्माता कंपनियों की ओर से किए जाने वाले दावों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने बाजार पर निगरानी रखने की घोषणा की है।
निगरानी करेंगे कि किए गए दावे सही हैं या नहीं
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की अध्यक्ष और उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने मंगलवार को यह जानकारी दी। खरे ने कहा कि हम बाजार निगरानी के जरिए यह देखने की कोशिश करेंगे कि इस संबंध में किए गए दावे सही हैं या नहीं। खरे ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। वह एयर फिल्टर पर मौजूदा गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के अनुपालन की जांच करेगा।
कुछ कंपनियों पर उत्पादों के बारे में गलत दावे करने का आरोप
प्राधिकरण ने यह कदम केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी के एक दिन पहले दिए गए उस बयान के बाद उठाया है, जिसमें कुछ कंपनियों पर अपने उत्पादों के बारे में गलत दावे करने का आरोप लगाया गया था। जोशी ने विश्व मानक दिवस कार्यक्रम में कंपनियों की भ्रामक विपणन रणनीति पर चिंता व्यक्त की थी। मंत्री ने उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर कहा था कि एयर प्यूरीफायर को लेकर झूठे दावे किए जाते हैं, उन पर बहुत कुछ लिखा होता है लेकिन उनमें कुछ नहीं होता। उसमें सिर्फ एक पंखा लगा होता है। फिर भी दावे किए जाते हैं।
एयर प्यूरीफायर के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी
गौरतलब हो कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह पहल ऐसे समय में की है, जब देश के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर ने एयर प्यूरीफायर के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। प्रह्लाद जोशी ने एक दिन पहले एयर प्यूरीफायर के बारे में किए जाने वाले गलत दावों पर ध्यान देने के लिए बीआईएस, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और उपभोक्ताओं को समाहित करते हुए एक सहभागी नजरिया अपनाने की वकालत की थी।