बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आरजेडी के आईटी सेल वालों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. राजभवन की ओऱ से राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बिहार में साइबर क्राइम के मामलों को देख रही आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है. इसके बाद साइबर सेल ने तहकीकात शुरू कर दिया है.
क्यों भड़के राज्यपाल?
सवाल ये है कि राज्यपाल क्यों भड़के हैं. दरअसल मामला नीतेश कार्तिकेन नाम के व्यक्ति से जुड़ा है जो खुद को राजद के आईटी सेल का प्रमुख और लालूवादी बता रहा है. नीतेश कार्तिकेन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट कर राजभवन पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है. उसने लिखा है कि राजभवन में ईवीएम हैकर्स रूके हुए हैं. नीतीश कार्तिकेन ने पोस्ट किया है-
“भारत के गृह मंत्री के इशारों पर बिहार के राज्य भवन पटना में दो EVM हैकर को रूकवाया गया है. चर्चा है कि दो संदिग्ध व्यक्ति जिसका नाम पी कश्यप और डॉ. एमके भाई है. ये दोनों व्यक्ति राज्य भवन में ठहरा हुआ है. बिहार के मुख्य मंत्री ही यहां के गृह मंत्री हैं, अब ऐसे में नीतीश कुमार जी को जवाब देना चाहिए कि राज्य भवन में ये दोनों संदिग्ध व्यक्ति किस हैसियत से ठहरा हुआ है. क्या ये कोई आईएएस है या कोई विभाग का अधिकारी है , इसका जवाब मुख्यमंत्री देंगे या चुनाव आयोग देगा ? सूचना ये भी है कि ये दोनों व्यक्ति ईवीएम मशीनों की हैकिंग का विशेषज्ञ है. 01 June को पटना के नजदीक तीन लोक सभा पाटलिपुत्र, पटना साहिब और नालंदा लोक सभा में वोटिंग होनी है, ऐसे में कैसे कोई संदिग्ध व्यक्ति राज्य भवन में ठहर सकता है?”
नीतेश कार्तिकेऩ के इसी पोस्ट के बाद राज्यपाल बेहद नाराज हैं. उनकी ओऱ से प्रधान सचिव ने ईओयू को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि इस पोस्ट में उल्लेखित बातें असत्य, तथ्यहीन और भ्रामक हैं. ये केन्द्र और राज्य सरकार के साथ साथ बिहार के राज भवन को बदनाम करने की नीयत से लिखी गई हैं.
नीतेश कार्तिकेऩ के इसी पोस्ट के बाद राज्यपाल बेहद नाराज हैं. उनकी ओऱ से प्रधान सचिव ने ईओयू को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि इस पोस्ट में उल्लेखित बातें असत्य, तथ्यहीन और भ्रामक हैं. ये केन्द्र और राज्य सरकार के साथ साथ बिहार के राज भवन को बदनाम करने की नीयत से लिखी गई हैं.
राजभवन ने कहा है कि ये पोस्ट वर्तमान में चल रही लोकसभा आम निर्वाचन की प्रक्रिया की निष्पक्षता के प्रति भी आम जनता के मन में संदेह उत्पन्न करने वाला है. जो लोकतंत्र के हित में नहीं है. इससे आम जनता में क्षोभ एवं वैमनस्यता के साथ-साथ समाज में अशांति फैलाने का प्रयास किया गया है, जो एक आपराधिक मामला है. राजभवन ने ईओयू से कहा है कि नीतेश कार्तिकेन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये
ईओयू ने शुरू की जांच
राजभवन से पत्र आने के बाद ईओयू ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. हालांकि ईओयू की ओऱ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. लेकिन जांच एजेंसी ने बताया कि मामला साइबर सेल को सौंप दिया गया है. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.