गुजरात पुलिस ने नवसारी जिले से अपहरण की गई किशोरी को यूपी के लखनऊ से बरामद कर लिया है। साथ ही पुलिस ने अपहरण की वारदात में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने एक करोड़ की फिरौती के लिए किशोरी का अपहरण किया था, लेकिन उसने कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के भीतर ही नाबालिग को सकुशल बरामद कर लिया है।
पुलिस महानिरीक्षक (सूरत रेंज) वी चंद्रशेखर ने कहा कि आरोपियों ने 10 नवंबर को नवसारी के गणदेवी इलाके से कथित तौर पर लड़की का अपहरण कर लिया था। इसके बाद नाबालिग के माता-पिता को व्हाट्सएप कॉल करके एक करोड़ रुपये की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने समीर पठान, अभिषेक चौधरी और प्रदीप चौधरी को लखनऊ के पास एक बस से पकड़ा और एक अन्य आरोपी मोहित चौधरी को दिल्ली की एक झुग्गी से गिरफ्तार किया।
48 घंटे के भीतर नाबालिग को छुड़ाया
चंद्रशेखर ने कहा कि व्हाट्सएप कॉल और स्नैपचैट विवरण के तकनीकी विश्लेषण के आधार पर और दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस की मदद से लड़की को अपहरण के 48 घंटे के भीतर लखनऊ के पास से बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले नवसारी पुलिस को पता चला कि पीड़िता को ट्रेन से राजस्थान ले जाया जा रहा है और उसने पड़ोसी राज्य की सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) से मदद मांगी।
बाद में पुलिस को सूचित किया गया कि लड़की को दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती में ले जाया गया है। वहां पहुंचने पर पुलिस ने मोहित चौधरी को पकड़ लिया, जिसने खुलासा किया कि लड़की को अन्य आरोपियों द्वारा बस में लखनऊ ले जाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से बस का पता लगा लिया गया और उसे लखनऊ के पास रोक लिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने लड़की को बचाया और तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
लड़की को बचाने के लिए बनाई थी फील्ड और तकनीकी टीम
दरअसल, पुलिस ने मामले पर काम करने के लिए अलग-अलग फील्ड और तकनीकी टीमें बनाई थीं। मुख्य आरोपी पठान ने कथित तौर पर लड़की को फुसलाया था और अपने तीन साथियों की मदद से उसका अपहरण करने से पहले उसे अपने साथ चलने के लिए राजी किया था।
लड़की के माता-पिता ने आरोपी को 12 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे और उनसे व्हाट्सएप पर बातचीत जारी रखी थी। अधिकारी ने कहा कि स्नैपचैट और व्हाट्सएप कॉल डिटेल से लड़की और अपराधियों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण सुराग मिले थे।