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क्या हार्दिक और नताशा ने शादी से पहले कर लिया था यह समझौता? जानें- क्या कहता है भारत में कानून

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क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और उनकी पत्नी नताशा स्टेनकोविक के तलाक की खबरों से बाजार गर्म है। वहीं दूसरी ओर इस बात को लेकर भी चर्चा होने लगी है कि अगर इस दोनों का तलाक होता है तो नताशा को हार्दिक की 70 फीसदी संपत्ति मिलेगी। हालांकि इसे लेकर अभी तक न तो हार्दिक का और न ही नताशा का कोई बयान सामने आया है। वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि इन दोनों से शादी से पहले संपत्ति बंटवारे को लेकर कोई समझौता किया है। इन दोनों के तलाक और संपत्ति के बंटवारे के बीच अब इस बात पर जोर दिया जाने लगा है कि पति-पत्नी के बीच शादी से पहले ही संपत्ति बंटवारे को लेकर समझौता कर लिया जाए। हालांकि इसमें कई कानूनी अड़चनें भी हैं।

कितने सही हैं शादी से पहले संपत्ति से जुड़े समझौते

ऐसी बातें अब काफी सामने आने लगी हैं जिनमें पति-पत्नी शादी से पहले से संपत्ति को लेकर समझौता करने लगे हैं। यह इसलिए कि अगर किसी कारणवश रिश्ता टूटता है तो किसके पास कितनी और कौन-सी संपत्ति होगी। यह इसलिए किया जाता है ताकि तलाक के समय संपत्ति में आपकी समझौते के तहत बंटवारा किया जा सके।

क्या कोर्ट में टिक पाते हैं ऐसे मामले?

एक्सपर्ट का कहना है कि शादी से पहले किए गए समझौते हमेशा नहीं बने रह सकते। हो सकता है कि तलाक के समय पति-पत्नी में से कोई शख्स इस समझौते पर सहमत न हो और इसे नकार दे। ऐसे में इन समझौतों की कोई अहमियत नहीं रह जाती। एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे समझौते कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं होते और कोर्ट में बमुश्किल ही टिक पाते हैं। वहीं ऐसे समझौतों को अनैतिक और सार्वजनिक नीति के विरुद्ध माना जाता है। यही कारण है कि इन्हें भारत में लागू नहीं किया जा सकता। इसलिए इन्हें सेक्शन 23 और भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 के तहत अन्य प्रावधानों के तहत शून्य माना जाता है।

विरासत में मिली संपत्ति में कितना हक?

काफी मामले ऐसे देखे गए हैं जिसमें पत्नी शादी से पूर्व पति की पुश्तैनी संपत्ति में भी हिस्से की मांग रख देती है। एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पति के न रहने पर कोई कानूनी अड़चन न आए। एक्सपर्ट के मुताबिक यह समझाैता इसलिए भी सही है कि पति के न रहने पर पत्नी को कानूनी लड़ाई लड़ने में काफी परेशानी होती है। अगर उसे पति के रहते पुश्तैनी संपत्ति में हिस्सा मिल जाता है तो उसकी आगे की जिंदगी आसान हो जाती है। एक्स्पर्ट बताते हैं कि अब समय की स्थिति को देखते हुए शादी से पहले संपत्ति से जुड़े समझौते जरूरी होने लगे हैं। बेहतर होगा कि ऐसे समझौतों को रजिस्टर करा लिया जाए ताकि पत्नी को संपत्ति से गुजारा भत्ता, रखरखाव और बच्चे की देखभाल आदि में आर्थिक मदद मिल सके।

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