गुरुवार को हल्द्वानी में हुई हिंसा ने भीषण रूप धारण कर लिया था। इस बवाल में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही उपद्रवियों के देखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए जा चुके हैं। शहर में गुरुवार रात से ही इंटरनेट बंद कर दिया गया था। इसके साथ ही इलाके में पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल और पीएससी की टुकडियां भी तैनात की गई हैं।

‘प्रशासन ने जल्दबाजी करके इस कृत्य को अंजाम दिया’

वहीं अब इस मामले में हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, आजादी से लेकर आज तक हल्द्वानी में कभी भी इस तरह की घटना नहीं हुई थी। यहां हमेशा अमन-चैन और एकता का माहौल रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 14 फरवरी तय की थी, फिर भी शासन-प्रशासन ने जल्दबाजी करके इस कृत्य को अंजाम दिया।

इस मामले में सीएम धामी से हुई बातचीत- विधायक

विधायक ने कहा, “मुख्यमंत्री धामी से फोन पर मेरी बात हुई है और मैंने पूरे मामले के बारे में उन्‍हें बता दिया है। जितने भी प्रशासनिक अधिकारी, पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक इस कृत्य में घायल और हताहत हुए हैं, मेरी संवेदना उनके परिवारजनों के साथ है। मेरी सभी शहरवासियों से अपील है कि किसी भी तरह की अफवाह पर गौर ना करें और शांति-व्यवस्था बनाने में पूरा सहयोग दें।”

‘कार्रवाई से पहले स्थानीय लोगों को विश्वास में लेना था’

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जल्दबाजी और उतावलेपान में यह पूरी कार्रवाई की है। यह एक बड़ी चूक है। विधायक ने कहा कि इस कार्रवाई को करने से पहले स्थानीय लोगों और मौलानाओं को विश्वास में लेना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी उतावलेपन की वजह से यह भीषण हिंसा हुई और हल्द्वानी के नाम पर एक काला धब्बा लग गया।


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