आज नए साल का पहला दिन है। न्यूजीलैंड-ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में लोगों ने आतिशबाजी कर नए साल का जश्न मनाया, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में नए साल पर सूर्य की पहली किरण कहां पड़ी? अगर नहीं तो कोई बात नहीं। हम आपको बताते हैं…
डोंग वैली में पड़ती है सूर्य की पहली किरण
नए साल पर सूर्य की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के डोंग वैली (Dong Valley) में पड़ी। यहीं पर सबसे पहले सूर्योदय हुआ। डोंग वैली को भारत का पहला गांव कहा जाता है। यह अंजाव जिले में 47070 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। सन 1999 में इसे उगते सूरज की भूमि का दर्जा दिया गया।
सूर्य की पहली किरण कब धरती पर पहुंचती है?
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि डोंग वैली में सुबह तीन बजे सूर्य की पहली किरण धरती को छूती है। यानी जब हम लोग सो रहे होते हैं, तब तक इस गांव में धूप फैल चुकी होती है। इस दृश्य को देखने के लिए देशभर से लोग डोंग वैली पहुंचते हैं।
जल्दी होता है सूर्यास्त
अगर कहीं पर जल्दी सूर्योदय होता है तो इसका मतलब सूर्यास्त भी जल्दी होता होगा। डोंग वैली में लोग दोपहर चार बजे से ही डिनर की तैयारी करने लगते हैं। यहां चार बजे अंधेरा हो जाता है। यानी जब पूरा देश सो रहा होता है तब यहां के लोग जाग रहे होते हैं, वहीं जब पूरा देश जाग रहा होता है, तब यहां के लोग सो रहे होते हैं।
कैसे पहुंचे डोंग वैली?
अगर आप बस या कार से आ रहे हैं तो तेजू नेशनल हाईवे 52 के रास्ते डोंग वैली पहुंच सकते हैं। असम की राजधानी गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया से भी यहां के लिए बसें मिलती हैं। वहीं, अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो नजदीकी रेलवे स्टेशन तिनसुकिया है। यहां से डोंग वैली 120 किमी दूर है। आप टैक्सी लेकर भी यहां पहुंच सकते हैं। फ्लाइट से आने के लिए आपको पहले डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट जाना होगा। वहां से डोंग वैली 349 किमी दूर है। यहां से आप बस या कैब से डोंग वैली पहुंच सकते हैं।