10 साल से फरार हार्डकोर नक्सली ट्रेनर गिरफ्तार, STF और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

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बिहार के औरंगाबाद जिले में पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को एक बड़ी सफलता मिली है। पिछले 10 वर्षों से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली ट्रेनर मुकेश यादव उर्फ सूर्यदेव यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई सलैया और कासमा थाना पुलिस के साथ मिलकर STF ने अंजाम दी।

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि मुकेश यादव अपने गांव खैरा मनोरथ आया हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस ने बिना समय गंवाए गांव को घेरकर छापेमारी की और उसे पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उसने नक्सली गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है।

नक्सली संगठन का मास्टर ट्रेनर था मुकेश, देता था हथियारों की ट्रेनिंग

एसडीपीओ-2 अमित कुमार ने बताया कि मुकेश यादव नक्सली संगठन का एक महत्वपूर्ण और हार्डकोर सदस्य था। वह हथियार चलाने की ट्रेनिंग, संगठन की रणनीतियों का प्रशिक्षण और लेवी वसूली जैसे कार्यों में सक्रिय था। ठेकेदारों, ईंट भट्ठा मालिकों और व्यापारियों से जबरन पैसा वसूलना उसका मुख्य काम था।

2014 से था फरार, दर्ज हैं कई आपराधिक मुकदमे

मुकेश यादव 2014 से फरार चल रहा था। सलैया थाना क्षेत्र के चाल्हो जोन में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए बड़े ऑपरेशन में उसका नाम सामने आया था। उस दौरान भारी मात्रा में अवैध हथियार और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। इस केस में मुकेश समेत 40 से अधिक नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

एसआईटी गठित होने के बाद टूटा फरारी का सिलसिला

मुकेश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एसआईटी (Special Investigation Team) का गठन किया था। कई वर्षों तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर रहा, लेकिन हाल ही में उसके गांव लौटने की सूचना मिलते ही उसे घेरकर गिरफ्तार कर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, वह अक्सर ग्रामीणों को संगठन से जोड़ने के लिए गुप्त मीटिंग करता था।

इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा, नक्सली नेटवर्क को तोड़ने की कवायद

गिरफ्तारी के बाद से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है। पुलिस अब उसके माध्यम से नक्सली नेटवर्क की बाकी कड़ियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से संगठन को बड़ा झटका लगा है।

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