मुंबई, एजेंसी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग पत्नी से बिना सहमति के यौन संबंध बनाने को बलात्कार करार दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में 10 साल की सजा पाए एक व्यक्ति की दोषसिद्धि बरकरार रखी।
न्यायमूर्ति जी. ए. सनप की नागपुर पीठ ने 12 नवंबर को पारित एक आदेश में 24 वर्षीय व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि चूंकि पीड़िता उसकी पत्नी है इसलिए उनके बीच यौन संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी की आयु 18 वर्ष से कम होने पर उसके साथ सहमति से यौन संबंध के आधार पर बचाव नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की से यौन संबंध बनाना बलात्कार है, चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं। इसके साथ ही नाबालिग पत्नी से बिना सहमति यौन संबंध बनाना भी बलात्कार है। याचिका में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी।
सत्र अदालत ने आरोपी को अपनी नाबालिग पत्नी का यौन उत्पीड़न करने के मामले में दोषी ठहराया था और उसे 10 साल की सजा सुनाई थी। महिला ने 2019 में अपनी शिकायत में कहा कि वह आरोपी के साथ रिश्ते में थी। व्यक्ति ने उसका बलात्कारकिया और उसे गर्भवती कर दिया। बाद में दोनों ने शादी कर ली।