प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमृत भारत स्टेशन योजना लॉन्च की। उन्होंने पूरे भारत में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भारतीय रेल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर विपक्ष के रवैये पर भी तंज कसा और कहा कि विपक्ष का रवैया नकारात्मक राजनीति का रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य सकारात्मक राजनीति का है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कि विपक्ष के एक धड़े ने संसद की नई इमारत का भी विरोध किया, कर्तव्य पथ के निर्माण का भी विरोध किया। इतना ही नहीं 70 साल तक नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बन पाया, लेकिन जब हमने इसे बनाया तो इसकी भी सरेआम आलोचना की गई। पीएम मोदी ने कहा कि हम पूरे देश में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। सबका साथ सबका विकास के लिए जी जान से जुटे हैं। रेलवे ने डेढ़ लाख से ज्यादा युवाओं को पक्की नौकरी दी है।
अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना से देश के सभी राज्यों को लाभ
पीएम मोदी ने कहा कि विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा, प्ररेणा, संकल्प है। भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है। भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किए जाएंगे और उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा। इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में करीब 4500 करोड़ रुपए के खर्च से 55 अमृत स्टेशन को विकिसत किया जाएगा। राजस्थान के भी 55 रेलवे स्टेशन अमृत रेलवे स्टेशन बनेंगे… मैं रेल मंत्रालय की सराहना करता हूं और देशवासियों को बधाई देता हूं।
रेलवे में जितना काम हुआ है वह हर किसी को हैरान करती है
पीएम मोदी ने रेलवे के कामों की तारीफ की और कहा-‘रेलवे में जितना काम हुआ है वह हर किसी को प्रसन्न और हैरान करती है। दुनिया में दक्षिण अफ्रीफा, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है उससे अधिक रेल ट्रैक हमारे देश में इन 9 वर्षों में बिछाए गए हैं। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कुल जितना रेल ट्रैक है उससे अधिक रेल ट्रैक भारत में अकेले पिछले साल बनाए हैं।’
पीएम मोदी ने कहा-‘रेलवे में जिस तरह से काम हुआ है, किसी भी प्रधानमंत्री का मन करेगा कि (वह) इनका जिक्र 15 अगस्त को लाल किले से करे। जब 15 अगस्त सामने है तो मन बहुत लालायित होता है कि उसी दिन इसकी चर्चा करूं। आज यह इतना विराट आयोजन हो रहा है कि देशे के कोने-कोने से लोग जुड़ें हैं कि मैं अभी इस बात पर इतने विस्तार से चर्चा कर रहा हूं।’