बिहार में एक ऐसे फर्जी सिपाही का भंडाफोड़ हुआ है, जो लगभग 7 साल से पुलिस में शामिल था। दरअसल, यह मामला गया के बेलागंज थाना क्षेत्र का है, जहां 7 साल से फर्जी पुलिस बनकर रहता था और उसका सात वर्षों से पुलिस लाइन में आना-जाना था। यह फर्जी सिपाही वर्दी पहनकर सबको धोखा दे रहा था। वहीं, आरोपित की पहचान बेलागंज थाना क्षेत्र के राजीव कुमार के रूप में हुई है।
बता दें कि राजीव कुमार खुद को सिपाही बताकर पुलिस लाइन में आता-जाता था। इस दौरान उसने वर्दी, पहचान पत्र समेत अन्य दस्तावेजों का उपयोग भी करता था और लोगों को धोखा दे रहा था। वह शहर के मगध मेडिकल थाना क्षेत्र अंतर्गत मगध कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहा था। मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस को उसकी कार्य प्रक्रिया पर शंका हुआ, तो गुप्त तरीके से जांच हुआ और जांच के बाद सच्चाई सामने आई। तत्काल पुलिस उसे गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं, घटना के सामने आने के बाद गया पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल यह भी है कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति इतने लंबे समय तक बिना सत्यापन के पुलिस लाइन में रह सकता है? गया पुलिस इया मामले की गंभीर रूप से जांच कर रही है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जी सिपाही को किसकी मदद से यह सुविधा मिली थी।
सूचना मिलते ही रामपुर थाना की पुलिस टीम ने जल्द कार्रवाई करते हुए राजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से पुलिस वर्दी भी जब्त की गई है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है कि उसने वर्दी का दुरुपयोग क्यों किया और इसके पीछे उसकी क्या मंशा थी। वहीं, पुलिस को आशंका है कि वर्दी का उपयोग कर वह लोगों को भ्रमित करने या किसी अन्य आपराधिक गतिविधि को अंजाम देने की योजना बना रहा था।
इसके अलावा रामपुर थाना में इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सिटी एसपी, रामानंद कुमार कौशल ने कहा कि राजीव कुमार पूर्व में एक निजी चालक के रूप में काम करता था। इसके बावजूद वह अवैध रूप से पुलिस की वर्दी पहनकर इलाके में भ्रमण कर रहा था।