पुलिस महकमे में रिश्वतखोरी थम नहीं रही है। बदायूं में दरोगा और इंस्पेक्टर के बाद अब हेड कांस्टेबल को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। थाने के दरोगा और हेड कांस्टेबल ने छेड़खानी का मामला खत्म कराने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। एंटी करप्शन की टीम ने हेड कांस्टबेल को रंगेहाथ पकड़ लिया। दरोगा को सहआरोपी बनाया गया है।
बदायूं में एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार दोपहर कादरचौक थाने के अंदर 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया। हेड कांस्टेबल प्रवेंद्र कुमार और दरोगा महेश कुमार एक छेड़खानी व मारपीट के मामले को खत्म कराने के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। ज्यादा दबाव बनाए जाने पर छेड़खानी का आरोपी 20 हजार रुपये देने को तैयार हो गया था। साथ ही उसने एंटी करप्शन टीम को सूचना दे दी।
छेड़खानी व मारपीट का आरोपी कादरचौक थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। उसकी समधन ने उस पर 18 जून को छेड़खानी और मारपीट का आरोप लगाते हुए थाना पुलिस को तहरीर दी थी। इसके दूसरे दिन आरोपी अपनी तहरीर भी लेकर थाने पहुंच गया था। उसने अपनी समधन के बेटों पर पुत्रवधू से छेड़खानी व मारपीट करने का आरोप लगाया था।
दोनों पक्षों में चल रही थी समझौते की बात
इससे दोनों पक्षों के बीच बृहस्पतिवार को समझौते की बात चलती रही, लेकिन बात नहीं बनी। दोपहर बाद हल्का दरोगा महेश कुमार और हेड कांस्टेबल प्रवेंद्र कुमार बाइक से गांव पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी। छेड़खानी के आरोपी का कहना है कि छानबीन के दौरान दरोगा और हेड कांस्टेबल ने मामला खत्म कराने के नाम पर 50 हजार रुपये मांगे, जबकि उसका कहना था कि यह आपस का विवाद है। कोई छेड़खानी नहीं हुई है। वह इतने रुपये नहीं दे पाएगा।