स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद शुरू से ही भ्रष्टाचार करते रहे हैं। चारा घोटाले में आरोपित होने के बाद वे हाथी पर चढ़कर 30 जुलाई, 1997 को पहली जेल यात्रा की थी, लेकिन इसके बाद भी वे भ्रष्टाचार करते रहे। लैंड फॉर जॉब स्कैम उनके भ्रष्टाचारी होने का प्रमाण है।
सोमवार को जारी बयान में मंत्री ने कहा कि चारा घोटाले में अकेले लालू प्रसाद ही जेल नहीं गए बल्कि उनके तत्कालीन मंत्रिमंडल के करीब आधा दर्जन मंत्रियों व उनके विधायकों को भी जेल यात्रा करनी पड़ी थी।
विद्यासागर निषाद, चन्द्रदेव प्रसाद वर्मा, भोला राम तूफानी, डॉ. आरके राणा आदि कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता है। तब के अनेक वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों मसलन बेक जूलियस, सजल चक्रवर्ती, अरुमुगम, फूलचंद सिंह और एसएन दुबे जैसों को ट्रेजरी से अवैध राशि निकासी के आरोप में ही वर्षों जेल में रहना पड़ा था।
कहा कि चारा घोटाले में पहली बार लालू प्रसाद को 03 अक्टूबर, 2013 को पांच साल की सजा हुई।