चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू यादव की जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में सुनवाई अगली तारीख पर होगी। हालांकि, इसको लेकर तारीख तय नहीं की गई है। अब जब तारीख तय होगी तो फिर इस मामले में अगली सुनवाई होगी। फिलहाल सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई टाल दी गई है।
वहीं, लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि क्योंकि याचिकाएं 14-15 महीने की देरी से दायर की गई हैं, जबकि लालू यादव पहले ही रिहा हो चुके हैं। पिछली सुनवाई में भी कपिल सिब्बल ने कहा था कि इस मामले में लालू यादव ने 42 महीने जेल में काटे हैं। उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की सीबीआई की याचिका का विरोध किया। और सुप्रीम कोर्ट से खारिज करने की अपील की थी।
इसके अलावा चारा घोटाला मामले में लालू यादव को जमानत देने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। और चाहती है कि लालू यादव की जमानत रद्द हो। चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले हैं, इन सभी मामलों में लालू दोषी करार हो चुके हैं। दरअसल झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने के आधार पर जमानत दे दी थी और सजा को सस्पेंड कर दिया था। सीबीआई ने हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। वहीं दुमका कोषागार मामले में भी लालू को सजा की आधी अवधि पूरी होने पर जमानत मिली थी।
आपको बताते चलें कि, साल 1996 में चारा घोटाले का खुलासा हुआ था। जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों की हेराफेरी सामने आई थी। तब बिहार के सीएम लालू यादव थे। पूरा घोटाला करीब 950 करोड़ का है। पटना हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी। जिसके बाद साल 1997 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें बतौर आरोपी लालू यादव का भी नाम शामिल था। जिसके बाद लालू यादव को सीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनी। उस वक्त झारखंड बिहार का ही हिस्सा था। अलग राज्य गठन होने के बाद ये मामला झारखंड हाईकोर्ट में चला गया। इस मामले में लालू यादव को पहली सजा सितंबर 2013 को हुई थी।