बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर छात्रों की ओर से दायर अर्जी पर गुरुवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है। इस मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में सरकारी और याचिकाकर्ता वकीलों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई है। सरकारी वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक अन्य केस फाइल हुआ है। ऐसे में सरकारी वकील ने दोनों की सुनवाई एक साथ करने का आग्रह किया है। इस मामलें अदालत में आज की सुनवाई पूरी हो गई है। अब दोपहर बाद आदेश आएगा।
इसमें कहा गया है कि आयोग ने 13 दिसंबर और 4 जनवरी को हुई परीक्षा का मॉडल उत्तर जारी कर दिया है। 4 जनवरी को हुई परीक्षा में तीन प्रश्नों को हटाया गया है जबकि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा के दो प्रश्न को 4 जनवरी की परीक्षा में फिर से पूछा गया। इसका सीधा फायदा 4 जनवरी के परीक्षार्थियों को होगा। उनका यह भी कहना है कि 4 जनवरी की परीक्षा के ‘जे’ सीरीज के प्रश्नपत्र में एक प्रश्न गलत है और छात्रों की आपत्ति पर आयोग ने उस प्रश्न को हटा दिया है। इसका फायदा 4 जनवरी के परीक्षार्थियों को होगा। इस बाबत कहा गया है कि 4 जनवरी के परीक्षार्थियों को 6 अंकों का फायदा होगा। वहीं 13 दिसंबर के चार लाख परीक्षार्थियों को 6 अंकों का नुकसान होगा।
दरअसल छात्रों ने 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर परीक्षार्थी पप्पू कुमार व अन्य की ओर से दायर अर्जी में 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने और नये सिरे से पुन: परीक्षा कराने का निर्देश देने की मांग कोर्ट से की थी। इससे पहले बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर छात्रों की ओर से दायर अर्जी पर बुधवार को सुनवाई टल गई थी।
इधर, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन के विदाई समारोह के कारण बुधवार को केसों पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। यह केस न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल के एकलपीठ के समक्ष पांचवे नंबर पर सूचीबद्ध था। लेकिन, साढ़े ग्यारह बजे से विदाई समारोह के लिए समय तय होने के कारण सुनवाई नहीं हुई। इस बीच छात्रों की ओर से एक पूरक हलफनामा दायर किया गया है।