IRCTC घोटाला मामले में दिल्ली की अदालत से लालू यादव को राहत मिली है। राउज एवन्यू कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 22 जुलाई तक के लिए टाल दी है। हालांकि, इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव पहले से जमानत पर चल रहे हैं। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि उसे पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और कुछ रेलवे अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन मंजूरी हासिल करने में एक महीने का समय लगेगा, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
दरअसल, 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी।इन नौकरी के लिए मंत्रालय ने न तो कोई विज्ञापन निकाला था और न ही कोई नोटिस जारी किया था। इसके अलावा पटना में रहने वाले लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था।
वहीं, इससे पहले दिल्ली की एमपी-एमएलए अदालत राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब केस में बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और अन्य 14 लोगों व कंपनी के खिलाफ दायर दूसरी चार्जशीट पर आज होने वाली सुनवाई को 8 अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
आपको बताते चलें कि, सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल 10 अक्टूबर को पहली चार्जशीट दाखिल की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने 27 फरवरी को लालू, राबड़ी, मीसा भारती समेत दूसरे आरोपियों को समन जारी किया था। यादव परिवार के सारे आरोपी सदस्यों को 15 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद बेल मिल गया था जिसका सीबीआई ने कोई विरोध नहीं किया था। सीबीआई ने इस केस में लालू के ओएसडी रहे भोला यादव को पिछले साल 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। भोला यादव को कोर्ट ने 14 सितंबर को जमानत दे दी थी।