पटना हाईकोर्ट में आज बुधवार को नियोजित शिक्षकों के मामले की सुनवाई होनी है, जिसमें नियोजित शिक्षकों ने विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को चैलेंज किया है. हालांकि इस संबंध में जो जानकारी निकलकर सामने आई है, सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कह दिया है कि जो शिक्षक सक्षमता परीक्षा में नहीं बैठेंगे, उनकी नौकरी नहीं जाएगी।
पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर: वहीं अब शिक्षकों ने ऑफलाइन मोड में सक्षमता परीक्षा के साथ-साथ स्थानांतरण की मांग की है. नियोजित शिक्षकों की ओर से बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. केस नम्बर 1942/2024 में प्रमोद कुमार यादव वर्सेज बिहार सरकार की केस की सुनवाई होनी है. केस का सीरियल नंबर 16 है।
दोनों पक्ष रखेंगे अपनी बात: इस दौरान प्रमोद कुमार यादव की तरफ से इस केस में सहायक वकील आलोक कुमार सिंह और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शिक्षाविद मैटर के वाईवी गिरी उपस्थित रहेंगे और नियोजित शिक्षकों के मैटर पर पक्ष रखेंगे. वहीं बिहार शिक्षक एकता मंच की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डी.एस नायडू भी नियोजित शिक्षकों के मैटर पर पक्ष रखेंगे।
शिक्षकों की मांग: बता दें कि याचिका में शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ, सेवा निरंतरता के साथ प्रोन्नति MACP का लाभ, विशिष्ट शिक्षक परीक्षा स्वैच्छिक हो, अर्थात जो परीक्षा नहीं देना चाहते हो या परीक्षा में फेल हो, वह अपने पद पर बने रहे, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जाने वाली एग्जाम ऑफ लाइन (मैन्युअल) हो और विशिष्ट शिक्षक के लिए होने वाली एग्जाम BPSC आधारित नहीं बल्कि विद्यालय आधारित पाठ्यक्रम होने की मांग की गई है।